सतना। नगर निगम क्षेत्र में शहर के बीच जर्जर इमारतें हादसों को आमंत्रण दे रही हैं. शहर के अधिकांश क्षेत्रों में जर्जर बिल्डिंगों के छज्जे बद से बदतर हालात में हैं. इसके बावजूद नगर निगम आंख मूंदकर बैठा है और शायद किसी हादसे का इंतजार कर रहा है. नगर निगम की अनदेखी के चलते यहां कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. बता दें कि बीते दिनों सतना में दो बिल्डिंगें गिर गई थी, जिसमें दो लोग घायल भी हो गए थे.
नगर निगम जर्जर बिल्डिंगों पर कार्रवाई करने की बजाय मूकदर्शक बना हुआ है. एक तरफ बारिश का आगमन हो चुका है और अभी तक जर्जर इमारतों को लेकर स्थानीय प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया है. इन दिनों तेज हवा और बारिश होने से स्थानीय बस स्टैंड पर बने रैन बसेरा का छज्जा गिरने से करीब 12 मोटरसाइकिल क्षतिग्रस्त हो गई थीं. इसके अलावा नगर निगम के करीब 100 मीटर दूरी पर स्थित एक जर्जर बिल्डिंग का छज्जा गिरने से 2 लोग घायल हो गए थे. इस तरह लगातार हो रहे हादसों के बाद भी प्रसाशन नजरअंदाज करते हुए मूकदर्शक बना हुआ है.
हो रही कागजी कार्रवाई
नगर निगम द्वारा चलाई जा रही जर्जर बिल्डिंग गिराने की मुहिम सिर्फ कागजी कार्रवाई बनकर रह गई. शहर में आए दिन हादसों को दावत दे रही यह जर्जर बिल्डिंगें लोगों की जान ले सकती है. किसी भी समय हादसा होने की आशंका बनीं रहती है. सतना शहर के स्थानीय जयस्तंभ चौक, सुभाष पार्क, हनुमान चौक, पन्नीलाल चौक, स्टेशन रोड, चौक बाजार सभी जगह बीच बाजार में अधिकांश बिल्डिंग वर्षों पुरानी है, जो जर्जर हालात में टिकी हुई है.