सागर। जिला अस्पताल अपनी अव्यवस्था और लापरवाही के लिए हमेशा से ही सुर्खियों में बना रहता है. इसी कड़ी में सागर जिला चिकित्सालय में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें नसबंदी कराने के बाद भी एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया.
एमपी अजब है! नसबंदी के 10 माह बाद महिला ने बेटी को दिया जन्म
सागर जिला अस्पताल में नसबंदी करवाने के बाद भी महिला गर्भवती हो गई, जिसके 10 माह बाद उसने एक बच्ची को जन्म दिया.
जिस महिला ने नसबंदी कराने के बाद भी बच्ची को जन्म दिया, उसका नाम ऊषा कुशवाहा है, जो रजौआ की रहने वाली है. उसने फरवरी 2020 में जिला अस्पताल में आयोजित हुए नसबंदी शिविर में ऑपरेशन कराया था, लेकिन इसके बाद भी महिला प्रेग्नेंट हो गई. शनिवार को उसने एक बेटी को जन्म दिया.
महिला के पति नीलेश कुशवाहा का कहना है कि ये सब डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ है. वहीं नीलेश की मांग है कि सरकार अब उसे मुआवजा दें. जानकारी के मुताबिक ऊषा की नीलेश कुशवाहा के साथ करीब 6 साल पहले शादी हुई थी. दोनों की एक बेटी और एक बेटा पहले से है. दंपति तीसरा बच्चा नहीं चाहते थे. इसके लिए उन्होंने फैमिली प्लानिंग की और फरवरी माह में जिला अस्पताल में लगे शिविर में ऊषा की नसबंदी कराई, लेकिन कुछ महीने के बाद महिला की प्रेग्नेंसी का पता चला. इसके बाद पति ने सीएम हेल्पलाइन पर भी शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ.