सागर। मैकेनिकल ब्रांच में सैनिक के तौर पर भर्ती होकर हवलदार पद से रिटायर होने वाले सागर के रमेश कुमार सुड़ेले फिलहाल पुलिस में आरक्षक के पद पर पदस्थ हैं. उनका सपना था कि वह सेना में अफसर बनें, वो अपना सपना तो साकार नहीं कर पाए, लेकिन उनके बेटे पुष्पेंद्र सुड़ेले ने देहरादून में पासिंग आउट परेड के बाद लेफ्टिनेंट पद पर लेह लद्दाख में नियुक्ति पाई है.
कभी खुद सेना में अफसर बनने का सपना देखने वाले पूर्व सैनिक रमेश कुमार सुड़ेले का सिर आज गर्व से ऊंचा हो गया है. साधारण रहन-सहन और मध्यम वर्गीय परिवार के बेटे की इस कामयाबी पर परिवार के लोग फूले नहीं समा रहे है. हालांकि पुष्पेंद्र के पिता का सपना था कि आज वो अपने बेटे की कामयाबी पर पासिंग आउट परेड में शामिल हों और परेड के बाद बेटे के कंधों पर सितारों को सजाएं, लेकिन कोरोना महामारी के चलते देहरादून में होने वाली इस पासिंग आउट परेड में परिजनों को नहीं बुलाया गया था. सागर में अपनी बेटे की कामयाबी पर खुशियां मना रहे रमेश कुमार सुड़ेले और उनकी पत्नी को इंतजार है कि जल्दी बेटे की पोस्टिंग के बाद वह लद्दाख पहुंचें और एक लेफ्टिनेंट के रूप में बेटे को देखें.
बचपन से सेना में अफसर बनने का जुनून
पुष्पेंद्र के पिता भले ही सेना की मैकेनिकल ब्रांच में सिपाही के तौर पर पदस्थ थे, लेकिन उनका सपना था कि वह कभी अफसर बने. अपने पिता के जुनून और सेना के प्रति समर्पण को देखते हुए पुष्पेंद्र और उनके बड़े भाई नीलेश ने जमकर मेहनत की और छठवीं कक्षा से मिलिट्री स्कूल में भर्ती हो गए. 26 जून 2017 को पुष्पेंद्र का एनडीए में सिलेक्शन हो गया और पुणे के खड़कवासला में उन्होंने ट्रेनिंग शुरू कर दी. 3 साल के ग्रेजुएशन के बाद 30 मई 2020 को पुणे से इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून पहुंचे, उन्होंने अपनी एक साल की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद लेफ्टिनेंट के पद पर नॉर्दर्न कमांड में लेह लद्दाख में पोस्टिंग हासिल की है.