सागर।कमलनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हर्ष यादव सागर जिले की देवरी विधानसभा से फिर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, बीजेपी ने उनके सामने पूर्व कांग्रेस नेता बृज बिहारी पटेरिया को मैदान में उतारा है, जो पहले कांग्रेस की टिकट पर देवरी से विधायक चुने जा चुके हैं. इन हालातो में एक बार फिर सियासी गलियारों और देवरी विधानसभा क्षेत्र में 2003 के घटनाक्रम की यादें ताजा हो गई हैं, जिसमें मौजूदा भाजपा प्रत्याशी बृज बिहारी पटेरिया के समर्थकों और परिजनों ने कांग्रेस के मौजूदा प्रत्याशी हर्ष यादव और उनके समर्थकों के साथ मारपीट की थी. इस हमले में हर्ष यादव को अपनी एक आंख जवानी पड़ी थी, अब वही प्रतिद्वंद्वी भाजपा से उनके सामने विरोधी प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं. हालांकि हर्ष यादव को भरोसा है कि देवरी की जनता उनका साथ देगी, मौजूदा विधानसभा चुनाव को लेकर हर्ष यादव ने हमारे संवाददाता कपिल तिवारी से बात की.
सवाल:भाजपा ने आपको हराने तरह-तरह के हथकंडे अपनाए, लेकिन भाजपा को आपके खिलाफ भी कांग्रेस का प्रत्याशी लाना पड़ा.
जवाब:बीजेपी का निर्णय है और ये निर्णय उन्होंने किस वजह से लिया और क्यों लिया, ये उनका विषय है. जहां तक मेरी बात है कि मैं जिस दिन चुनाव जीतता हूं, उसी दिन से चुनाव की तैयारी में लग जाता हूं. जनता जनार्दन और सभी वर्गों का आशीर्वाद और कहीं ना कहीं इतने लंबे राजनीतिक जीवन में जो समाज सेवा की है, उसका प्रतिफल मिलता है. जो प्रत्याशी आज हमारे बीच आए हैं, किस वजह से आए हैं, वह अलग विषय है. लेकिन जनता आज उनसे पूछ रही है कि जब आपको कांग्रेस ने मान सम्मान और प्रतिष्ठा दी, तब आपने कांग्रेस छोड़कर दल बदलू का ठीकरा अपने सर पर क्यों लगाया. दूसरा सवाल जनता ये पूछ रही है कि जब आपने जन सेवा का व्रत लिया, कांग्रेस को अपनी मां कहते थे और राजनीति में सेवा का भाव लेकर आए थे, तो पिछले 20 साल से कहां गए थे. जनता पूछती है कि मलिक कहां गए थे? कोरोना काल हो, कोई भी संकट हो, किसी के यहां सुख-दुख की बात हो, ये कहीं भी नजर नहीं आए और आज जनसेवक का लबादा ओढ़कर घूम रहे हैं कि मुझे मालfक मत कहो, मेरे पैर मत छुओ. जनता अब इनका जवाब देने जा रही है. फिलहाल परिस्थितियों ऐसी हैं कि जनता चुप्पी साधे हुए है, देवरी की जनता शांतिप्रिय है. जिस तरह गुंडाराज, अत्याचार भाई-भतीजावाद रहा है, यूपी, बिहार जैसे जमीन पर कब्जे की संस्कृति लोगों को आहत करने वाली है. जनता ने कहीं ना कहीं मन बना लिया है कि इनकी विदाई करना है और जहां से आए हैं, वहां भोपाल वापस भेजना है.
सवाल: चुनाव प्रचार के दौरान जनता का क्या मिजाज देखने मिल रहा है?
जवाब: जनता ने हमें जनादेश दिया था, हमें 114 सीट मिली थी. लोगों के अंदर जो नाराजगी है, वह 6 महीने से लगातार सामने आ रही है, हवा बदली है और बीजेपी के खिलाफ माहौल बना है. नाराजगी जनता में आज इस बात की है कि हमने कांग्रेस को 5 साल का जनादेश दिए था, यह कैसा उतावलापन या जल्दबाजी थी कि सत्ता लोलुपता में आपने 15 महीने में कांग्रेस को हटा दिया. हमें 5 साल देखने तो मिलता कि कांग्रेस कैसे काम करती है, कहीं ना कहीं 15 महीने में कमलनाथ सरकार ने बहुत अच्छा काम किया. लोकसभा चुनाव सामने थे, प्रशासनिक जमावट करनी थी. प्रदेश की आर्थिक हालत खस्ता हो चुकी थी, बेरोजगारी का संकट और भगवामय प्रशासन को चिन्हित कर निष्पक्ष अधिकारी ढूंढना था, उसके बाद भी कमलनाथ ने 15 महीने में जो काम किया, लोगों को आज भी याद है. चाहे 100 यूनिट 100 रुपए बिल, 1000 गौशालाएं, वृद्धावस्था पेंशन दोगुनी करना, किसानों का बिल आधा करना, बहन-बेटियों के लिए 51 हजार की राशि का संकल्प लिया और तय किया कि 48 हजार उनके खाते में देंगे, ताकि सामान खरीदी में भ्रष्टाचार ना हो. किसानों को राहत को लेकर कमलनाथ का कर्जमाफी का वचन था, हमने 27 लाख लोगों की कर्ज माफी की. हमारे 2023 के वचन पत्र पर जनता विश्वास कर रही है, उसे भरोसा है कि ये जो कहते हैं, वह वचन जरूर निभाते हैं.