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MP Chunav 2023: बुंदेलखंड में आप जमा रही पैर, केन बेतवा लिंक आंदोलन में जनता को समेटने की कोशिश - बुंदेलखंड में आप

एमपी में चुनावों से पहले पैर जमाने में लगी आम आदमी पार्टी ग्वालियर-चंबल अंचल के साथ-साथ बुंदेलखंड में भी अपनी पैठ जमाने की पूरी कोशिश कर रही है. जानें क्या है आप का चुनावी प्लान.

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बुंदेलखंड में आप

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Published : Jun 20, 2023, 9:49 PM IST

सागर।वैसे तो बुंदेलखंड में भाजपा और कांग्रेस का दबदबा माना जाता है, लेकिन कभी-कभी यूपी की सीमा के सहारे यूपी के बसपा और सपा जैसे दल भी चुनावी खेल में अपना कमाल दिखा देते हैं लेकिन आगामी विधानसभा चुनाव के पहले बुंदेलखंड में एक और दल पैर जमाने की कोशिश कर रहा है. अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी आंदोलन के सहारे ही बुंदेलखंड में पैर जमाने की कोशिश कर रही है. आम आदमी पार्टी बुंदेलखंड में उन लोगों की आवाज बनकर उभर रही है, जो केन बेतवा लिंक परियोजना के विस्थापित हैं. इस महत्वकांक्षी परियोजना में विस्थापन में कई तरह की गडबडी देखने मिल रही है. लोगों को उचित मुआवजा नहीं दिया जा रहा है और उनकी जमीन अधिग्रहित करने के बाद विस्थापन के लिए जगह नहीं मिली है. ऐसे परेशान लोगों का हक दिलाने के लिए चल रहे आंदोलन में आम आदमी अन्य दलों के मुकाबले सक्रिय भूमिका निभा रही है.

बुंदेलखंड में आसान नहीं पैर जमाना:राजनीतिक तौर पर बुंदेलखंड में प्रमुख तौर पर कांग्रेस और भाजपा का ही दबदबा है. कभी कभार सपा और बसपा के प्रत्याशी यहां विधानसभा चुनाव जीत जाते हैं लेकिन उनकी जीत में पार्टी का जनाधार नहीं, बल्कि प्रत्याशी का जनाधार काम करता है. भाजपा कांग्रेस के टिकट के दावेदार नाराज होकर सपा और बसपा से टिकट ले आते हैं और त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय संघर्ष में जीत भी जाते हैं. यूपी के बुंदेलखंड से लगे होने के बाद भी मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड में सपा और बसपा यूपी जैसा जनाधार नहीं बना सकी है. मौजूदा परिस्थितियों में कांग्रेस और भाजपा के अलावा बसपा, सपा या आम आदमी पार्टी का जनाधार मजबूत होना दूर की कौड़ी नजर आती है.

बुंदेलखंड में आप

अखंड प्रताप सिंह की आप में एंट्री:हाल ही में बुंदेलखंड के वरिष्ठ और उम्रदराज राजनेता अखंड प्रताप सिंह यादव ने आम आदमी पार्टी की सदस्यता ले ली है. अखंड प्रताप सिंह टीकमगढ़ से आते हैं और एक समय जनाधार वाले नेता के तौर पर जाने जाते थे लेकिन समय के साथ उनकी दलबदलू की छवि बन गयी है और आम आदमी पार्टी में शामिल होने के पहले वो कांग्रेस, भाजपा और बसपा में रह चुके हैं. मौजूदा चुनाव में उनकी समाजवादी पार्टी से करीबी नजर आ रही थी, लेकिन उन्होंने आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया.

नेता नहीं जनाधार मजबूत करने की जरूरत:एक चिर परिचित चेहरे के तौर पर अखंड प्रताप सिंह आम आदमी पार्टी का बुंदेलखंड में चेहरा हो सकते हैं लेकिन जनाधार के मामले में अखंड प्रताप सिंह यादव से आम आदमी पार्टी को कुछ खास हासिल होने वाला नहीं है. इसलिए आम आदमी पार्टी भी जनाधार मजबूत करने में जुटी है. आम आदमी पार्टी इसके लिए अपनी आंदोलन वाली छवि को आगे कर बुंदेलखंड की समस्याओं पर काम कर रही है.

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केन बेतवा लिंक आंदोलन से उम्मीद:पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजेपयी का सपना और मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी केन बेतवा लिंक परियोजना आम आदमी पार्टी के लिए उम्मीद बनकर उभरी है. फिलहाल केन बेतवा लिंक परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का मामला चल रहा है. मुआवजा वितरण और विस्थापन में ऐसे कई विवाद और गड़बड़ियों से विस्थापित परेशान है. इन विस्थापितों के आंदोलन में शामिल होकर और इनके लिए आंदोलन कर आम आदमी पार्टी अपनी सक्रियता बढ़ा रही है. अपनी आंदोलनकारी छवि के साथ आम आदमी पार्टी बुंदेलखंड की जनता का ध्यान खींचने में भी कामयाब हो रही है.

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