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स्कूल खोले जाने के फैसले का मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने किया स्वागत - Minister Brijendra Pratap Singh

एमपी में एक अप्रैल से स्कूल खोले जाने के सरकार के फैसले का खनिज मंत्री बृजेंद्र सिंह ने समर्थन किया है.

Brijendra Pratap Singh- Inder Singh
बृजेंद्र प्रताप सिंह- इंदर सिंह

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Published : Mar 11, 2021, 5:32 PM IST

सागर। मध्यप्रदेश में आगामी एक अप्रैल से स्कूल खुलने जा रहे हैं. जिसके तहत पहली कक्षा से क्लासेस लगेगी. सरकार के स्कूल खोलने वाले कदम से कांग्रेस निशाना साध रही है. लेकिन खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने प्रदेश में स्कूल खोले जाने के फैसले को जायज ठहराया है. अल्प प्रवास पर सागर पहुंचे मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार ने जो फैसला लिया है वह सटीक फैसला है.

स्कूल खोले जाने के फैसले का मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने किया स्वागत

MP में स्कूल खोले जाने पर कांग्रेस को पीड़ा क्यों?

मामले में मध्य प्रदेश के खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने फैसले को जायज ठहराते हुए कहा मध्य प्रदेश ही नहीं कई प्रदेशों में भी धीरे-धीरे प्राइमरी स्कूल खुल रहे हैं. जिन प्रदेशों में कोविड-19 का प्रकोप ज्यादा है, वहां स्कूल नहीं खोले गए हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में स्थिति गंभीर नहीं है. प्राइमरी स्कूलों के खुलने का फैसला बिल्कुल सही है. क्योंकि अब वैक्सीनेशन भी शुरू हो चुका है, ऐसे में स्कूलों का खुलना जायाज है. बच्चों को लंबे समय तक केवल वर्चुअल तरीके से नहीं पढ़ाया जा सकता है.

कांग्रेस का काम हमारी नीतियों का विरोध करना हैं- बृजेंद्र सिंह

स्कूल खोलने के विरोध के सवाल पर मंत्री बृजेंद्र प्रताप ने कहा कि कांग्रेस विपक्ष में है और उसका काम हमारी हर नीति का विरोध करना है. इसलिए वह स्कूल खुलने का भी विरोध कर रही है. इस मामले में वह कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं. मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह भले ही इस फैसले को जायज ठहरा रहे हो और वैक्सीनेशन शुरू होने की बात कर रहे हो लेकिन हकीकत यह है कि स्कूलों में बच्चों को भेजना पूरी तरह से सुरक्षित नहीं माना जा सकता है.

दबाव में लिया है फैसला- कांग्रेस

भले ही कोविड-19 का प्रकोप अभी बरकरार है लेकिन मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार ने एक अप्रैल से प्राइमरी स्कूलों के खुलने का एलान कर दिया है. ऐसे में विपक्ष में बैठी कांग्रेस, शिवराज सरकार के इस फैसले का लगातार विरोध कर रही है. विपक्ष का कहना है कि शिवराज सरकार ने यह फैसला प्राइवेट स्कूलों के दबाव में लिया है लेकिन इस फैसले से मासूम बच्चों के जीवन को खतरा बढ़ेगा.

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