सागर। एमपी विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद एक बार फिर भाजपा की नई सरकार के गठन की कवायद तेज हो गई है. कमलनाथ सरकार गिरने के बाद बनी शिवराज सरकार में बुंदेलखंड के संभागीय मुख्यालय सागर जिले से तीन कैबिनेट मंत्री बनाए गए थे.जिनके पास भारी भरकम विभाग भी थे. लेकिन दोबारा सरकार बनने के बाद सागर से दावेदारों की संख्या बढ़ गई है. नई सरकार में किसको मौका मिलता है, ये अब चर्चा का विषय बन गया है.
अब किसकी खुलेगी किस्मत?:एक तरफ पिछली सरकार में रहे तीन कद्दावर पूर्व कैबिनेट मंत्री हैं तो दूसरी तरफ लगातार 4-4 बार चुनाव जीते दो विधायक हैं. ऐसे में सागर जिले में भाजपा की 7 सीटों में से 5 विधायक मंत्री पद के दावेदार हैं. जिनमें गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत के नाम आते हैं और जिन विधायकों ने जीत का चौका मारा है उनमें शैलेंद्र जैन और प्रदीप लारिया का नाम आता है. शैलेंद्र जैन जहां अल्पसंख्यक वर्ग तो प्रदीप लारिया अनुसूचित जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं. एक तरफ कद्दावर और वजनदार नेताओं की जोर आजमाइश है तो दूसरी तरफ लगातार चार जीत हासिल करने वाले विधायक दावेदारी पेश कर रहे हैं.भाजपा की नई नवेली सरकार में सागर से किसकी किस्मत खुलती है ये दिल्ली में तय होगा.
गोपाल भार्गव का क्या है कद:कमलनाथ सरकार में नेता प्रतिपक्ष रहे गोपाल भार्गव इस बार लगातार 9 वीं बार विधायक चुने गए हैं.गोपाल भार्गव के कद की बात करें तो 2003 से 2018 तक भाजपा से जो भी मुख्यमंत्री रहे, उनकी सरकार में गोपाल भार्गव कैबिनेट मंत्री रहे और इसके बाद नेता प्रतिपक्ष बने. 2020 में कमलनाथ सरकार गिरने के बाद फिर पीडब्ल्यूडी मंत्री बने. 2023 में गोपाल भार्गव लगातार 9वीं बार चुनाव लड़े और जीते. गोपाल भार्गव मुख्यमंत्री पद के लिए भी दावा कर रहे हैं.गोपाल भार्गव के पास लगातार 20 साल कैबिनेट मंत्री का दर्जा रहा है.