सागर। लॉकडाउन में सबसे बुरा हाल मजदूर वर्ग का हुआ है. इस वर्ग की सुनने वाला भी कोई नही है. यूपी के जालौन के मजदूर प्रशासन के नियमों की भेंट चढ़ रहे हैं. लगातार पैदल सफर करते ये मजदूर थक गए हैं. इनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी हैं जिनका रो-रो कर बुरा हाल है. मजदूरों का कहना है कि उन्होंने दो दिन से कुछ भी नही खाया है. झांसी तक ये मजदूर पहुंचने के बाद पुलिस ने इन्हे मालथौन के एमपी-यूपी बार्डर तक खदेड़ दिया है.
जालौन के मजदूरों को यूपी प्रशासन ने एमपी बॉर्डर पर छोड़ा, मजदूर परेशान
लॉकडाउन की मार झेल रहे मजदूर राज्यों की पुलिस प्रशासन से परेशान हैं. जालौन के रहने वाले मजदूर पैदल ही होशंगाबाद से घर के लिए निकले थे, लेकिन झांसी पहुंचते ही इन्हें पुलिस ने एमपी-यूपी बार्डर पर छोड़ दिया गया. मजदूरों के साथ बच्चे भी हैं जिनका रोकर बुरा हाल है.
ये मजदूर एमपी के पिपरिया और होशंगाबाद जिलों में काम करने गए थे. वहां के प्रशासन की मंजूरी लेकर एक ट्रक से अपने घर जा रहे थे. लेकिन झांसी पहुंचे तो वहां के प्रशासन ने इन्हें वापिस खदेड़ कर यूपी-एमपी बॉर्डर पर पहुंचा दिया है. मालथौन तहसील के प्रशासनिक अधिकारियों ने इन मजदूरों को खाना-पानी की व्यवस्था की है.
प्रशासनिक अधिकरियों ने मामले की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी है. मामले में सागर एसपी अमित सांघी का कहना है कि सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है. साथ ही ललितपुर एसपी से बात कर कुछ न कुछ हल निकलवाने की बात की जा रही है.