सागर। मौसम से संबंधित शोध और अनुसंधान का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के निर्देशन में आईआईटीएम पुणे और सागर विश्वविद्यालय के बीच हुए करार के तहत सागर में रिसर्च सेंटर स्थापित किया जा रहा है. मध्य भारत का ये सबसे बड़ा मौसम अनुसंधान केंद्र होगा. मध्य भारत में मौसम से संबंधित तमाम गतिविधियों और बदलाव पर इसकी पैनी नजर होगी. मौसम की भविष्यवाणी भी ज्यादा अपडेट और सटीक उपलब्ध हो सकेगी. सागर शहर की भौगोलिक स्थिति के कारण इस रिसर्च सेंटर को यहां स्थापित करने की तैयारी हो रही है.
सागर विश्वविद्यालय और आईआईटीएम के बीच करार
भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के संस्थान आईआईटीएम (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रापिकल मीटियरोलॉजी) पुणे और डॉ. हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर के बीच हुए एक करार के तहत सागर में मध्यभारत का बड़ा मौसम अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की तैयारी चल रही है. उष्णकटिबंधीय मौसम वाले इलाकों की मौसम से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखने और मौसम अनुसंधान के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि होगी. सागर विश्वविद्यालय के फिजिक्स, व्यावहारिक भूगोल और व्यावहारिक भूगर्भ शास्त्र विभाग इसके शोध और अनुसंधान का हिस्सा होंगे. सागर विश्वविद्यालय द्वारा रिसर्च सेंटर के लिए सिंरोजा पहाड़ी पर 5 एकड़ जगह चिन्हित की गई है.
क्यों चुना गया सागर को ?
मौसम अनुसंधान के मध्य भारत के सबसे बड़े रिसर्च सेंटर के लिए सागर शहर को चयनित किए जाने की वजह यहां की भौगोलिक स्थिति और जलवायु मानी जा रही है. सागर विश्वविद्यालय एक पहाड़ी पर स्थित है और मध्य भारत में रिसर्च सेंटर स्थापित करने के लिए जरुरी ऊंचाई भी है. वहीं सागर एक ऐसा स्थान है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसून की हवाएं यहां आकर आपस में मिलती हैं.