रीवा। बारिश के साथ ही बीमारियां पैर पसारने लगी हैं, जबकि जहरीले कीड़े-मकोड़े, सांप-बिच्छू भी बाहर आ गये हैं, जिसके शिकार आये दिन लोग बन रहे हैं. इन्हीं जहरीले कीड़ों के काटने की वजह से कई लोगों की मौत तक हो चुकी है. हर दिन अस्पताल में सर्पदंश के मरीजों की मौत हो रही है.
संजय गांधी अस्पताल में जहरीले कीड़ों के शिकार 10 से 12 मरीज रोजाना पहुंच रहे हैं. जिसमें से ज्यादातर की मौत भी हो जा रही है. सिर्फ दो महीने के अंदर करीब 50 सर्पदंश पीड़ितों की मौत हो चुकी है.अस्पताल के चिकित्सक और वन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि महज 3 से 5 फीसदी सांप जहरीले होते हैं, जबकि ज्यादातर सांपों में जहर नहीं होता है, लेकिन सांप काटने के बाद लोगों में इतनी दहशत भर जाती है कि उनकी हृदय गति रुकने से मौत हो जाती है. यदि मरीज को थोड़ा हिम्मत दिलाई जाए तो उसकी जान आसानी से बचाई जा सकती है.वहीं, तंत्र-मंत्र के जरिए सांप का जहर काटने वाले तांत्रिक का कहना है कि यदि सांप के काटने के एक घंटे के अंदर वह झाड़-फूंक कर दें तो मरीज की हालत ठीक हो जाती है, बारिश होने पर बिलों में पानी भर जाने से सूखी जगह की तलाश में सांप घरों में घुस जाते हैं, जिसके चलते ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सतर्कता बेहद आवश्यक है.