मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

मिसाल: मंदिर से दरगाह के लिए जाती है अकीदत की चादर, हिन्दू-मुस्लिम करते हैं राम की आरती-कव्वाली - मुस्लिम

जो बात राम के भजन में, वही बात नानक के तान में. दुनिया देखती है तो सोचती है, ये दौलत कहां से आयी हिन्दुस्तान में.

मंदिर से दरगाह का रिस्ता

By

Published : Mar 12, 2019, 10:32 AM IST

राजगढ़। गंगा-जमुनी तहजीब और कौमी एकता के मिसाल की ऐसी झलक शायद ही कहीं देखने को मिले, जहां राम मंदिर से मजार के लिए अकीदत की चादर भेंट की जाती है, जबकि रामनवमी-हनुमान जयंती पर राम मंदिर के लिए झंडा मजार से लाया जाता है. इन आयोजनों के वक्त मंदिर में कव्वाली का आयोजन किया जाता है, जबकि सभी धर्मों के लोग मिलकर भगवान राम की आरती करते हैं.

मंदिर से दरगाह का रिस्ता

भले ही अयोध्या में राम मंदिर-मस्जिद बनाने के लिए सालों से विवाद चल रहा है, लेकिन मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक ऐसी प्रथा है, जो हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल पेश करती है क्योंकि यहां हर साल राम मंदिर से एक चादर हर्षोल्लास के साथ ले जाकर बाबा बदख्शा निदास की दरगाह पर चढ़ाई जाती है.

मंदिर से दरगाह का रिस्ता

बाबा बदख्शा निदास की मजार यानि दरगाह शरीफ पर सालाना उर्स का आयोजन किया जाता है, जहां देश भर से लोग आकर उनके दर्शन करते हैं और अपनी मन्नतें पूरी होने की कामना करते हैं. इस बार भी दरगाह शरीफ पर 105 वें उर्स का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें एक ऐसी मिसाल देखने को मिलती है, जो ना सिर्फ पूरे हिन्दुस्तान के लिए गर्व की बात है, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक संदेश भी है.

मंदिर से दरगाह का रिस्ता

इस प्रथा की शुरुआत स्वर्गीय रामसिंह प्रहरी ने करीब 40 साल पहले की थी. जिसके बाद अखिल भारतीय कलमकार समिति इसे आगे बढ़ा रहा है और हर साल पारायण चौक पर स्थित राम जानकी मंदिर में समिति एक कार्यक्रम का आयोजन करती है जिसमें चादर को भगवान राम-सीता के समक्ष रखा जाता है, उसे बाद उस चादर को दरगाह शरीफ पर चढ़ाया जाता है.

मंदिर से दरगाह का रिस्ता


इस दौरान मंदिर में कव्वाली का आयोजन होता है, जिसमें हिन्दू-मुस्लिम एकता, भगवान राम-रहीम को समर्पित कव्वाली गाई जाती है. जिसके बाद भगवान राम की पूजा करके चादर को दरगाह के लिए रवाना कर दिया जाता है. इस चादर को मंदिर समिति के लोग पूरे शहर में एकता का संदेश देते हुए दरगाह शरीफ तक ले जाते हैं, जहां पर मंदिर से आई चादर को बाबा की दरगाह पर चढ़ाकर अमन और शांति की दुआएं मांगी जाती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details