राजगढ़। प्रदेश के आदिवासी अंचलों खास तौर से महाराष्ट्र और राजस्थान की सीमा से लगे जिलों में चल रही नातरा और झगड़ा कुप्रथा एक गंभीर समस्या है. यहां आए दिन कोई न कोई महिला इन प्रथाओं का शिकार हो जाती है. इसी कारण लोगों में जागरुकता लाने और इन प्रथाओं के खात्मे के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर राजगढ़ में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें इन प्रथाओं को खत्म करने का संकल्प लिया गया. साथ ही 4 करोड़ के विकास कार्यों को शिलान्यास भी किया गया.
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर लिया गया संकल्प, नातरा और झगड़ा प्रथा होगी खत्म - नातरा और झगड़ा प्रथा
राजगढ़ में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर नातरा और झगड़ा जैसी कुप्रथाओं को खत्म करने के लिए एक संकल्प कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह शामिल हुए.
लोगों को जागरुक करने के लिए कार्यक्रम के लिए दौरान नाटक, नृत्य और गानों की प्रस्तुती दी गई. कार्यक्रम में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, नगरी प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह शामिल हुए. वहीं जिले के आला अधिकारियों ने भी कुप्रथा के विरोध में चल रहे अभियान को लेकर मंत्रियों के सामने अपनी बातें रखी.
इस प्रथा के बारे में जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि, यह काफी बड़ी कुप्रथा है, जो कहीं न कहीं महिलाओं का शोषण करती है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कानून बनाने के लिए मुख्यमंत्री कमलनाथ से बात करने की बात कही. इसके अलावा भी नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह का जोर इस कुप्रथा के खिलाफ कानून बनाने पर रहा.