रायसेन। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन है. कई लोगों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन के कारण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद है. वहीं जंगली जानवरों और पशुओं को भी खाने को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में कुछ समाजसेवी जंगली जानवरों और पशुओं को चारा देने के लिए आगे आए हैं. इन जानवरों को समाजसेवी सब्जियां और फल आदि खिला रहे हैं. सिलवानी सागर मार्ग पर कुछ समाजसेवी वाहन में भरकर सब्जी और फल सड़कों पर रख गए. जिसे देखते ही जंगल में रहने वाले बंदर लपक पड़े और घंटों तक सड़क पर बैठकर खाते रहे.
लॉकडाउन में बेसहारा जानवरों का सहारा बने समाजसेवी, खिला रहे फल और सब्जियां
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण देश भर में लॉकडाउन है. कई लोगों के सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है. लॉकडाउन के कारण सड़कों पर वाहनों की आवाजाही बंद है. वहीं जंगली जानवरों और पशुओं को भी खाने को नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में कुछ समाजसेवी जंगली जानवरों और पशुओं को चारा देने के लिए आगे आये हैं.
दरअसल, ये बंदर इस मार्ग से गुजरने वाले हर वाहन चालक पर भोजन के लिए टकटकी लगाए रहते हैं, लेकिन बीते कुछ दिनों से वाहनों की आवाजाही नहीं होने के चलते इन बंदरों के सामने भी भोजन का संकट खड़ा हो गया था. ऐसे हालात में कुछ समाजसेवियों ने अपनी कार में सब्जियां और फल रखकर इन बंदरों की दावत कराई. उन्होंने कहा कि वे अब हर दिन इस तरह मार्गों पर जाकर ऐसे जानवरों को भोजन करा रहे हैं, जो वर्तमान में सबसे ज्यादा प्रभावित हैं.
गरीबों के साथ ही, ऐसे जानवरों की चिंता करना भी लाजमी हो गया है. जो निश्चित ही लोगों के द्वारा दिए गए भोजन खाकर ही जिंदा रहते हैं. गर्मी के मौसम में जानवर भोजन और पानी के लिए भी परेशान हैं. ऐसे हालात में इन समाजसेवियों का यह काम सराहनीय है.