नीमच। नासिक के बाद मध्यप्रदेश का नीमच, मंदसौर भी प्याज के उत्पादक क्षेत्रों में गिना जाता है और इन दिनों मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी प्याज मंडी नीमच में किसानों को प्याज के लागत दाम नहीं मिलने के कारण काफी नुकसान हो रहा है. किसानों को प्याज को खेतों में ही फेंकने को मजबूर होना पड़ रहा है. किसानों का कहना है कि मंडी तक जाने में खर्चा और होगा, जबकि छोटे प्याज के दाम ₹4 रुपए से ₹7 किलो तक ही मिल पा रहे हैं.
किसानों का कहना है कि प्याज और लहसुन की खेती एक बीघा में करने पर उसकी लागत करीब 35000 से 40000 तक आती है. किसानों का यह भी कहना है कि कम से कम मंडी में 4000 क्विंटल के अनुमान से तो भाव मिलने ही चाहिए. नीमच मंडी व्यापारी आकाश गोयल का कहना है कि मंडी में रोज 2000 से 3000 बोरी प्याज पहुंच रहा है, प्याज की आवक के चलते छोटे प्याज के दाम किसानों को कम मिल पा रहे हैं. वही अच्छी क्वालिटी के प्याज 20 से ₹25 किलो तक भी खरीदे जा रहे हैं. (loss to onion farmers) (Neemuch onion farmers in loss)