अपना ही वजूद तलाश रहा लाल महल, कहीं इतिहास के पन्नों में न हो जाए दफन
प्रशासनिक अनदेखी के चलते नरसिंहपुर की गौरव गाथा का चित्रण करता ये लाल महल अपनी पहचान खोता जा रहा है. 1817 में नरसिंहपुर के राजा रायबहादुर ने लाल महल का निर्माण कराया था.
नरसिंहपुर। खंडहर में तब्दील ये इमारत कभी सत्ता का सबसे शक्तिशाली केंद्र हुआ करती थी, तब यहीं से राज्य के लिए कायदे-कानून तामीर किये जाते थे, लेकिन वक्त के साथ इस इमारत का वजूद भी घटता गया और अब तो ये इमारत खुद की पहचान ढूंढ़ रही है. प्रशासनिक अनदेखी के चलते नरसिंहपुर की गौरव गाथा का चित्रण करता ये लाल महल अपनी पहचान खोता जा रहा है. 1817 में नरसिंहपुर के राजा रायबहादुर ने लाल महल का निर्माण कराया था, जिसके देखरेख की जिम्मेदारी पुरातत्व विभाग की है, लेकिन ये विरासत अब असामाजिक तत्वों-शराबियों का अड्डा बन कर रह गया है.