नरसिंहपुर। आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. गांव जाने के लिए रास्ता तो है, लेकिन सड़क नहीं है, लोग नरक की जिंदगी जीने को मजबूर हैं. देश भले ही तरक्की के मामले में मंगल पर पहुंच गया हो, लेकिन इस गांव की तस्वीर कुछ और ही बयां करती है. ये कहानी है गोटेगांव जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाले चांडाल डूंगरिया गांव की. जहां आदिवासी समाज कई सालों से रह रहा है. लेकिन आजादी के 70 साल बाद भी उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हो पाई है.
मुख्य मार्ग से चांडाल डूंगरिया पहुंचने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है. पगडंडियों के सहारे ही गांव तक पहुंचा जा सकता है. गांव के लोग बताते हैं कि बारिश के मौसम में आने जाने में परेशानी होती है. वहीं गर्मियों के दिनों में पीने के पानी के लिए भी तरस जाते हैं.