नरसिंहपुर। आज इंटरनेशनल अर्थ डे है. पृथ्वी की रक्षा और पर्यावरण संरक्षण के लिए कई लोग जीजान से काम कर रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं रविशंकर, जिन्होंने जलसंकट के बावजूद हार नहीं मानी और 800 पौधे लगाए. दूर के इलाकों से पानी लाकर इन पौधों को दिया और उनकी मेहनत का ही नतीजा है कि ये सभी पौधे आज लहलहा रहे हैं.
EARTH DAY: नरसिंहपुर के रविशंकर की मेहनत लाई रंग, जलसंकट के बावजूद इलाके को बनाया हरा-भरा - पौधे
नरसिंहपुर के रविशंकर ने भीषण जलसंकट में भी एक मिसाल पेश की है. सालभर पहले उन्होंने 800 पौधे लगाए थे. इन पौधों को जिंदा रखने के लिए उन्होंने अथक परिश्रम किया और आज सभी पौधे लहलहा रहे हैं.
गोटेगांव के पहाड़ी खेड़ा गांव में रहने वाले रविशंकर डिप्टी रेंजर हैं. उन्होंने पिछले साल इस इलाके में करीब 800 पौधे लगाए थे. उन्होंने इन पौधों का इतना अच्छे से ध्यान रखा कि आज 800 पौधे जिंदा हैं और फल-फूल रहे हैं. रविशंकर बताते हैं कि उन्होंने रेंजर से 50 पौधे लगाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने 800 पौधे लगाने की अनुमति दे दी. अधिकारी अकसर उनके लगाए पौधों को देखने के लिए आते थे. पिछले 1 साल तक कड़ी मेहनत की. पौधों को बेहतर खाद और बीज दी गई, जिसके चलते आज इस इलाके में ये पौधे लहलहा रहे हैं.
खास बात तो यह है कि इस इलाके में भीषण जल संकट है. इसके बावजूद वह दूरदराज से पानी लाकर पौधों को पानी दिया करते थे. रविशंकर सरकार के लिए एक उम्दा उदाहरण है, क्योंकि सरकार पौधे लगा तो देती है, लेकिन उसके बाद उनका ध्यान नहीं रखती है.