नरसिंहपुर। मन का बोझ कम करने और पश्चाताप की गहरी खाई से छुटकारा पाने का मुख्य साधन आध्यात्म की ओर जाना होता है. शहर स्थित केंद्रीय जेल में कैदियों को अपराध की दुनिया छोड़ आध्यात्म को मन में आत्मसात करने की अनूठी पहल की जा रही है. प्रशासन द्वारा जेल परिसर में भागवत कथा का आयोजन किया गया है, जिसका वाचन धर्माचार्य रमन महाराज कर रहे हैं.
केंद्रीय जेल में अनूठी पहल, कैदियों को सुनाई जा रही भागवत कथा - Central Jail of Narsinghpur
नरसिंहपुर की केंद्रीय जेल में बन्द कैदियों के लिए जेल प्रशासन ने अनूठी पहल की है. उन्हें जेल में ही भागवत कथा सुनाई जा रही है. कैदियों ने इसके लिए जेल प्रबंधन का धन्यवाद किया है.
केंद्रीय जेल में अनूठी पहल
कैदियों का मानना है कि इस धार्मिक आध्यात्मिक आयोजन से उनके मन को शांति मिल रही है. कैदियों का कहना है कि उन्होंने जो भूल की है, उसे सुधारने का मौका मिल रहा है. जेल अधीक्षक की इस पहल का कैदियों ने स्वागत किया और धन्यवाद भी किया.
जेल की महिला अधीक्षक का मानना है कि आपराधिक मानसिकता को दूर करने के दो ही रास्ते हैं, परिवार का प्रेम या फिर धर्म. बंदियों की मानसिकता में परिवर्तन लाने के लिए ही धार्मिक अनुष्ठान का सहारा लिया जा रहा है.