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मुरैना में बारिश की रिमझिम ने बढ़ाई मुश्किल, खुले में पड़े गेहूं के खराब होने की आशंका

तौकते तूफान के चलते मुरैना में भी 2 दिन से रिमझिम बारिश हुई. बारिश से खुले में पड़े करीब 2100 क्विंटल गेहूं के भीगकर खराब होने का खतरा है. हालांकि इन्हें तिरपाल से ढककर बचाने का प्रयास किया जा रहा है.

Wheat lying in the open, estimated loss due to rain
खुले में पड़ा गेहूं, बारिश से नुकसान का अनुमान

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Published : May 20, 2021, 6:10 AM IST

मुरैना।महाराष्ट्र और गुजरात के तटवर्ती हिस्से में आए तौकते तूफान का असर मुरैना में भी देखा गया. एक दिन पहले से शुरू हुई रिमझिम बारिश का सिलसिला जारी रहा.जिससे खरीदी केंद्रों पर खुले में रखे गेहूं पर खराब होने का संकट खड़ा हो गया . बता दें कि जिलेभर में लगभग 2100 क्विंटल गेहूं खरीदी केंद्रों पर इसी तरह खुले में रखा हुआ है जिसे बारिश से भीगने से बचाने के लिए तिरपाल और अन्य साधनों का उपयोग किया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद यह बोरे भीग रहे हैं.

गौरतलब है कि रामपुर कलां क्षेत्र में खरीदी केंद्र के अलावा ऐसे दर्जनों केंद्र हैं. जहां अभी भी खुले में ही गेहूं की फसल रखी हुई है. रामपुर कलां उपार्जन केन्द्र पर एक हजार के लगभग गेहूं के कट्टे बरसात के पानी में भीग गए हैं. बता दें कि रामपुर कलां के उपार्जन केन्द्र पर लगभग 1400 क्विंटल गेहूं खरीदी की गई थी. जो कि वेयर हाउस सेमई पर भेजा गया, लेकिन वेयर हाउस के कमर्चारियों ने गेहूं को एफएक्यू के मुताबिक न बताकर लगभग एक हजार बोरे वापस उपार्जन केन्द्र को भिजवा दिए, जो खुले आसमान में रखे होने के कारण भीग गए.

खुले में रखा है गेहूं

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सोमवार और मंगलवार को हुई बारिश के पानी में भीगकर गेहूं खराब होने की कगार पर हैं. गेहूं को बचाने के लिए खरीदी केंद्र के कर्मचारियों ने इसे तिरपाल से ढंकने का भी प्रयास किया, उधर बारिश की वजह से मंगलवार को खरीद को भी बंद रखा गया, वहीं खरीदी केंद्र प्रभारी ने बताया कि जब तक वेयर हाउस इस खरीदे गए गेहूं को जमा नहीं करते हैं तब तक नई खरीदी शुरू नहीं की जाएगी.

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