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मुरैना : पुलिस ने आपसी सहमति से सुलझाया दो पक्षों का विवाद

कैलारस थाना पुलिस ने दो पक्षों के बीच हुए ट्रैक्टर के विवाद में सामंजस्य की स्थिति बनाई और दोनों पक्षों का राजीनामा कर आने के बाद मामले को खत्म करा दिया. जिसके बाद पुलिस ने एक प्रेस वार्ता आयोजित की. जिसमें उन्होंने छोड़े गए ट्रैक्टर ट्रॉली के संबंध में लग रहे आरोपों का खंडन किया.

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Published : Jun 6, 2021, 7:21 PM IST

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ट्रैक्टर छोड़ने की वायरल खबर

मुरैना। कुछ दिन पहले जिले में दो पक्षों के बीच ट्रैक्टर-ट्रॉली से दीवार टूटने को लेकर विवाद हो गया था, जो बाद में काफी तूल पकड़ लिया था. कैलारस थाना पुलिस ने मामले में खुलासा करते हुए बताया कि इस आपसी विवाद में हरिजन एक्ट की कार्रवाई से बचने के लिए दूसरे पक्ष ने ट्रैक्टर-ट्रॉली लाकर पुलिस के सुपुर्द किया था, लेकिन जांच में आरोप निराधार पाया गया है. जिसके बाद दोनों पक्षों का आपसी सुलह होने पर ट्रैक्टर-ट्रॉली को पुलिस अधिकारियों और वन विभाग की जांच रिपोर्ट के बाद दे दिया गया.

बताया गया कि सोशल मीडिया पर थाना प्रभारी ओपी आर्य पर लगाए जा रहे भ्रष्टाचार संबंधी आरोप निराधार और झूठे हैं. यह आरोप जो व्यक्ति लगा रहा है, वह पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई के कारण बौखलाया हुआ है और पुलिस पर दबाव बनाने लिए गलत जानकारियां सोशल मीडिया पर वायरल कर पुलिस को बदनाम करने का काम कर रहा है.

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दरअसल, कैलारस थाना पुलिस को कुछ दिन पूर्व एक व्यक्ति रघुराज जाटव निवासी कुटरावली ने थाना आकर बताया कि वह अपने ट्रैक्टर से खेतों में खाद डालने का काम कर रहा था, तभी गांव से ट्रैक्टर निकालते समय दूसरे समाज के व्यक्ति की दीवार से ट्रैक्टर के टकराने के कारण दीवार टूट गई. इस बात को लेकर उस समाज के लोगों ने रघुराज और उसके बेटे से मारपीट की. इसके अलावा ट्रैक्टर में गांव में पड़ी चंबल की रेत को भरकर उसे जब्त कराने की कोशिश की.

पुलिस ने दोनों पक्षों में कराया राजीनामा

इस बात पर पुलिस ने दूसरे पक्ष को भी बुलाया और ट्रैक्टर-ट्रॉली को लाकर पुलिस थाने में रख लिया. पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच सामंजस्य की स्थिति बनाई और दोनों पक्षों का राजीनामा कर आने के बाद मामले को खत्म करा दिया. साथ ही ट्रैक्टर-ट्राली में रेत के भरे होने पर परिवहन करने संबंधी सभी पहलुओं की जांच पुलिस और वन अधिकारियों से कराई. जांच में यह सिद्ध हुआ कि ट्रैक्टर केवल कृषि कार्य करता है. वह किसी तरह का रेत या पत्थर का अवैध परिवहन का काम नहीं करता इसलिए उसे जांच के बाद वापस कर दिया गया.

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