मुरैना| जिला अस्पताल में बाल अधिकारों पर विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में महिला बाल विकास विभाग के जिला अधिकारी समेत किशोर न्यायालय बोर्ड के सदस्य मौजूद रहे.
महिला बाल विकास विभाग और सामाजिक संस्था के जरिए आयोजित कार्यक्रम में बच्चों के साथ हो रही घटनाओं और उनके अधिकारों पर चर्चा की गई. इसी दौरान किशोर न्यायालय बोर्ड के सदस्य राकेश शिवहरे ने महिलाओं के कपड़ों पर दिए गए बयान में विवाद की स्थिति पैदा कर दी थी.
न्यायालय बोर्ड के सदस्य ने महिलाओं के कपड़ों पर दिया विवादित बयान विधिक जागरूकता कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि 11 साल के छोटे बच्चों को मोबाइल देना कोकीन के नशे के बराबर है. जिसका बहुत ही गहरा असर होता है. इसी के साथ बच्चों के अधिकारों के बारे पर भी कार्यक्रम में चर्चा की गई. वहीं राकेश शिवहरे के महिलाओं के छोटे-छोटे कपड़े पहनने से अपराधों की संख्या बढ़ने के बयान ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया. राकेश शिवहरे के इस बयान का कार्यक्रम में मौजूद महिलाओं ने विरोध किया.
महिलाओं और बच्चों के साथ बढ़ रही घटनाओं को लेकर समाज कानून और परिजन सभी परेशान हैं. कार्यक्रम में बताया गया कि जरूरी है कि विवादों से बचते हुए समाधान की तलाश की जाए.