खरगोन। खरगोन में ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि इंजीनियर, सरपंच, सचिव की मिलीभगत के चलते लाखों की लागत के चेक डैम और नाली कागजों पर ही बन गईं. राशि का भी हो गया आहरण. आदिवासी गरीब किसानों को उम्मीद थी कि चेक डैम बनेगा तो वॉटर लेवल बढ़ेगा और सिंचाई का साधन मिलेगा. लेकिन चेक डैम और नाली कागजों पर शोभा बढ़ा रहे हैं. मामले को लेकर कलेक्टर से लेकर सीएम हेल्पलाइन तक शिकायत की गई, फिर भी जिम्मेदार हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. जिला पंचायत सीईओ का कहना है जांच करा रहे हैं. जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई करेंगे.
सरपंच व सचिव पर मिलीभगत का आरोप :खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 45 किलोमीटर दूर भगवानपुरा विकासखंड की ग्राम पंचायत मोहनपुरा में पेयजल टंकी से पुलिया तक करीब 10 लाख 50 हजार में नाली और भूरेलाल व बुधा के खेत के पास साढ़े चार लाख की लागत से चेक डैम बनना था, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं है. चेक डैम और नाली कागजों पर ही बन गए. गांव में नाली बनना थी लेकिन वो भी लापता है. दो डैम पहले से बने हैं. इनके जीर्णोद्धार की राशि तो निकली लेकिन पंचायत सचिव, सरपंच ने खुद का जीर्णोद्धार कर लिया.