खरगोन। अजब एमपी की गजब पुलिस, जी हां ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां बुरहानपुर पुलिस ने 25 साल पहले बकरा चोरी के मामले में एक मायाराम सीताराम तंवर नाम का आरोपी फरार हो गया था, लेकिन बुरहानपुर पुलिस ने खरगोन के फल विक्रेता मायाराम सीताराम वर्मा को गिरफ्तार कर, न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया था. मयाराम और उसके परिजनों के मुताबिक उन्होंने पुलिस को समझाने की बहुत कोशिश की पर पुलिस नहीं मानी. जबकि बकरा चोर मायाराम और फल विक्रेता मायाराम के नाम और पता दोनों अलग- अलग थे.
वाह री पुलिस! नहीं मिला आरोपी तो उसी नामवाले को भेज दिया जेल
बुरहानपुर पुलिस की लापरवाही का एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. 25 साल पहले हुए बकरा चोरी के मामले में फरार आरोपी मायाराम सीताराम तवंर के स्थान पर बुरहानपुर पुलिस ने खरगोन के फल विक्रेता मायाराम सीताराम वर्मा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. हाईकोर्ट ने मामले में फल विक्रेता मायाराम निर्दोष पाया है.
मायाराम ने बताया उन्होंने बेगुनाह होते हुए भी 81 दिन जेल में रहना पड़ा. उन्होंने बताया कि आरोपी मयाराम सीताराम तवंर की नाक पर तिल है बांए हाथ पर मयाराम सीताराम लिखा है, उंगलियां टेढ़ी है, जो पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज है. लेकिन उनके शरीर पर एक भी निशान ऐसा नहीं था. इसके बाद भी पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मायाराम ने बताया कि उन्होंने इसके लंबी लड़ाई लड़ी.
मायाराम के वकील जोगेंद्र परशुराम तिवारी ने बताया कि उन्होंने हाईकोर्ट में केस लगाया था जिसमे जांच की मांग की थी. न्यायालय ने बुरहानपुर पुलिस को जांच के लिए आदेश दिया, जहां जांच में फल विक्रेता मायाराम को निर्दोष व्यक्ति बताया गया हैं. पुलिस ने हमनाम का फायदा उठाते उसे फंसाया था. जिसके लिए उन्होंने न्यायालय से हर्जाने की मांग की. जिसमे न्यायालय ने शासन को लिखा है. कि क्यों नहीं शासन उन्हें मुआवजा दे.