खंडवा। सीएम हेल्पलाइन में शिकायत वापस लेने के लिए जिला प्रशासन अब अत्याचार पर उतर आया है. 181 में की शिकायत को वापस नहीं लेने पर दादी के सामने उसके पोते को जेल भेज दिया. बुजुर्ग महिला ने जेल भेजने का आरोप महिला नायब तहसीलदार पर लगाया है. दादी का कहना है कि नायब तहसीलदार ने पुलिस बुलाकर पोते को सलाखों के पिछे डलवा दिया है. मामला खंडवा के तहसील कार्यालय का है. वहीं महिला नायब तहसीलदार ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.
शिकायत वापस लेने का बनाया दबाव: खंडवा के ग्राम रोहणी निवासी 70 वर्षीय गीताबाई के पति की मौत हो चुकी है. बुजुर्ग महिला को पेंशन के साथ ही मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना की राशी मिल रही थी, लेकिन किसान कल्याण योजना की राशी उसे केवल दो बार ही मिली. इसके बाद उसके बैंक खाते में रुपये जमा होना बंद हो गए. करीब दो साल तक जब उसे योजना का लाभ नहीं मिला तो वह अपने पोते शुभम के साथ गांव के सरपंच और पटवारी से मिली थी. पटवारी ने ई केवायसी कर आधार अपडेट करवाने के लिए कहा था. इसके बाद वह करीब दो माह से आधार केंद्र के चक्कर लगा रही थी. आधार केंद्र पर मशीन में अंगूठे का निशान नहीं आने से आधार अपडेट नहीं हो रहा था. इससे परेशान होकर बुजुर्ग ने सीएम हेल्पलाइन 181 में शिकायत की थी. इस शिकायत के चलते उसे शुक्रवार को तहसील कार्यालय बुलाया गया, यहां वह अपने पोते शुभम राजपूत के साथ पहुंची. गीताबाई ने बताया कि पोते के साथ वह नायब तहसीलदार माला राय की कोर्ट में पेश हुई, यहां उसे कहा गया कि शिकायत वापस ले लो. उसने व पोते ने आधार कार्ड अपडेट किए बिना शिकायत वापस लेने से मना कर दिया, इस पर नायब तहसीलदार ने कहा कि शिकायत वापस नहीं ली तो जेल में बंद कर देंगे. धमकी के बाद भी शिकायत वापस नहीं ली तो नायब तहसीलदार ने पुलिस बुलवाकर शुभम को जेल भिजवा दिया.