कटनी। जिला अस्पताल परिसर में भगवान महावीर पुनर्स्थापना केंद्र में सेवा भाव से जुड़े दो दिव्यांग कारीगर मानवता की मिसाल बने हुए हैं. राजस्थान के कोटा निवासी दिव्यांग जगन लाल ने बताया कि पोलियो जैसी बीमारी का शिकार होने के बाद मन में विचार आया कि वो दिव्यांग लोगों की सेवा करेंगे. तभी से फोटो फ्रेमिंग के माध्यम से वो हर सप्ताह केंद्र में पहुंचकर दिव्यांगों के लिए कृतिम उपकरण तैयार कर दिव्यांगों की सेवा करते हैं.
दिव्यांगों के लिए बनाते हैं कृत्रिम अंग, इस केंद्र में मिलता है दिव्यांगों को सहारा - katni latest news
कटनी के जिला अस्पताल में भगवान महावीर विकलांग पुनर्स्थापना केंद्र में 1993 से दिव्यांगों के लिए काम कर रही है. इसमें कई लोंगों को कृत्रिम अंग के माध्यम से नई जिंदगी दी है.
संस्था बना दिव्यांगों का सहारा
डॉक्टर संदीप ने बताया कि कटनी जिले की संस्था भगवान महावीर विकलांग पुनर्स्थापना केंद्र में 1993 से दिव्यांगों के लिए काम कर रही है. जिसमें अब तक हजारों लोगों को कृतिम उपकरणों से लाभांवित किया जा चुका है. यहां पर दिव्यांग कारीगर ऑर्थोपेडिक शूज, आर्टिफिशियल हैंड, मिडिल एज गार्ड आदि का निर्माण कर दिव्यांगों के लिए सहारा बने हुए हैं. डॉक्टर संदीप ने बताया कि इस संस्था में हर सप्ताह शिविर का आयोजन होता है, जिसमें जिले सहित अन्य जिलों के दिव्यांग यहां पहुंचते हैं जिनका इलाज किया जाता है.
1993 में केंद्र की स्थापना के समय तत्कालीन कलेक्टर संजयबंद उपाध्याय के सौजन्य से विशाखापट्टनम की टीम ने 156 बच्चों का पोलियो के ऑपरेशन किया गया था. उसके बाद उनको कैलिपर्स लगाए गए, दिव्यांगों के लिए पैर बनाए गए, वहीं अन्य जिलों में भी शिविर लगाकर जरूरतमंदों की मदद की गई.