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करोड़ों का धान बारिश में भींग कर हुआ बर्बाद, अधिकारियों से साधी चुप्पी

कटनी में जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते ओपन कैप में रखा हजारों मीट्रिक टन धान अंकुरित होकर घास में तब्दील हो गया. पूरे मामले पर अधिकारी गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं.

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Published : Feb 20, 2020, 3:25 PM IST

Updated : Feb 20, 2020, 4:04 PM IST

Paddy of crores spoiled due to negligence
करोड़ों के उपार्जन की धान लापरवाही से हो गई खराब

कटनी। जिला प्रशासन द्वारा धान उपार्जन के बाद जमकर लापरवाही की गई है. जहां ओपन कैप में रखा धान अब घास में तब्दील हो गया. करोड़ों रुपए की धान अंकुरित हो गया है. प्रशासन के द्वारा राइस मिलर से कस्टम मिलिंग करवा कर सीधे पीडीएस के माध्यम से गरीबों को दिया जाता है. लेकिन अंकुरित धान से कस्टम मीनिंग भी नहीं हो सकेगी.

करोड़ों के उपार्जन की धान लापरवाही से हो गई खराब

बहाने बना रहे अधिकारी

जिले के बड़वारा के ऊपर कैप में 58 हजार मी. टन धान रखा है. मझगमा फाटक में 27 हजार मी. टन, टिकरिया में 25 हजार मी. टन, वितरण कीटनाशक सेंटर में 5 हजार मिनी टन, स्लीमनाबाद में 4 हजार मिनी टन, धान खुले आसमान में रखे हुए हैं. इसी तरह स्टेट वेयर हाउस के ऊपर कैप में 26 हजार मिट्रिक टन धान रखा हुआ है. सभी ओपन कैप में रखा धान अंकुरित हो गया है.

इस पूरे मामले में अधिकारी कह रहे हैं कि, जिम्मेदार कर्मचारियों को नोटिस देकर जवाब तलब किया गया है. वहीं देखभाल करने वाले शंकर मिश्रा का कहना है कि, बारिश की वजह से धान की भीग गया है.

Last Updated : Feb 20, 2020, 4:04 PM IST

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