झाबुआ। जनता को सुरक्षा देने वाली पुलिस को अब खुद की जान का डर सताने लगा है क्योंकि काकनवानी थाना क्षेत्र की मदरानी पुलिस चौकी पिछले कई सालों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. खंडहर हो चुकी पुलिस चौकी भवन में कर्मचारी बैठने से डरने लगे हैं, जबकि विभागीय अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं.
चार दशक में भी मदरानी पोस्ट को स्थाई नहीं करा सका विभाग, खौफ के साये में ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मी
जनता को सुरक्षा देने वाली पुलिस को अब खुद की जान का डर सताने लगा है क्योंकि काकनवानी थाना क्षेत्र की मदरानी पुलिस चौकी पिछले कई सालों से अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है. खंडहर हो चुकी पुलिस चौकी भवन में कर्मचारी बैठने से डरने लगे हैं, जबकि विभागीय अधिकारी इसकी अनदेखी कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, मदरानी चौकी पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज ही नहीं है. लिहाजा पुलिस पिछले कई सालों में न तो इस भवन की मरम्मत करा पाई है और न ही नवीन भवन के लिए कोई प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज पायी है. मदरानी थाने को अस्थाई पोस्ट के रूप में अस्तित्व में लाया गया था. इस क्षेत्र के मांडली, मदरानी तितरिया, उमरादरा, अगासिया, तोड़ी, इटावा, भावपुरा, केल कुआं, काली गमान, रामपुरा, तंदलादरा में काफी अपराध होते थे. मेघनगर और काकनवानी से इन गांवों की दूरी ज्यादा होने के चलते मदरानी में अस्थाई पोस्ट के रूप में चौकी शुरू की गई थी. लेकिन कई साल बीत जाने के यह पुलिस चौकी बाद भी स्थाई नहीं हो सकी.
ग्रामीण कई बार नई चौकी बनाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. जर्जर और खंडार हो रही मदरानी पुलिस चौकी की हालत अत्यंत दयनीय है. नियमों में बंधे यहां पदस्थ पुलिस कर्मचारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं, लेकिन भवन को देखकर आसानी से समझा जा सकता है. आलम ये है कि हथियार, वारंट रिकॉर्ड, जब्ती मशरूका रखने तक कि यहां जगह नहीं है. बारिश के दिनों में इस चौकी में काम करना और भी मुश्किल हो जाता है.