झाबुआ। दिल्ली-मुंबई मेन रेल लाइन के अंतर्गत आने वाले मेघनगर में पिछले 4 सालों से रेलवे का आहार केंद्र बंद पड़ा है. कैंटीन बंद रहने से रेल यात्रियों को खाने-पीने की वस्तुओं के लिए स्टेशन के बाहर भटकना पड़ता है. कई बार तो यात्रियों को भूखे-प्यासे रहकर ही यात्रा करनी पड़ती है.
चार सालों से बंद चौपट है रेलवे कैंटीन, परेशान हो रहे यात्री - यात्री
झाबुआ में करोड़ों का राजस्व देने के बावजूद स्टेशनों की हालत खराब हो चुकी है. न तो खाने की सुविधा है न ही पीने के लिए पानी की.
इस जिले से रेलवे को यात्री और गुड्स वैगन पॉइंट से करोड़ों का राजस्व मिलता है, बावजूद इसके यहां के स्टेशनों पर सुविधा बढ़ाना तो दूर जो तय मापदंडों के अनुसार सुविधा है, उसे संचालित करने में भी वर्षों से लापरवाही बरती जा रही है. मेघनगर और बामनिया रेलवे स्टेशन पर वर्षों से खानपान के लिए स्वीकृत कैंटीन बंद हैं. विभागीय अधिकारियों से कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई.
स्थानीय लोगों ने रेलवे के जीएम और डीआरएम से उनके दौरों के समय चर्चा की थी, लेकिन उन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला. झाबुआ जिले के मेघनगर रेलवे स्टेशन पर दिल्ली-मुंबई, जयपुर-उदयपुर, अहमदाबाद-गुजरात और गोधरा वाया आनंद विहार तक रेलवे का संपर्क है, जिसके चलते बड़ी संख्या में झाबुआ-धार-बड़वानी के यात्री भी इस स्टेशन से अपनी यात्राएं शुरू करते हैं.