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'फिर से लिखा जाए नेताजी का इतिहास': कई पहलू हैं अनछुए - केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 125 भी जयंती है. सुभाष चंद्र बोस की वर्षगांठ के मौके पर 'सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रवाद एवं युवा सरकार' राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया.

Prahlad Patel
प्रह्लाद पटेल

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Published : Mar 5, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Mar 5, 2021, 5:55 PM IST

जबलपुर। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आज 125 भी जयंती है. सुभाष चंद्र बोस की वर्षगांठ के मौके पर सुभाष चंद्र बोस राष्ट्रवाद एवं युवा सरकार राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रहलाद पटेल शामिल हुए.

सुभाष चंद्र बोस की जयंती

नेताजी पर फिर से लिखा जाए इतिहास

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि सुभाष चंद्र बोस पर जो इतिहास लिखा गया है, उसमें पूरी जानकारियां नहीं हैं. सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़े हुए कई पहलू लोगों को पता ही नहीं हैं. उन्होंने सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़े कुछ किस्से सुनाए. जिसमें सुभाष चंद्र बोस ने शिवनी की जेल में भी कुछ दिन काटे थे और यहां उनके परिवार के लोग भी पहुंचे थे, लेकिन यह बात सुभाष चंद्र बोस के जीवन पर अध्ययन करने वाले लोगों को भी पता नहीं है. ऐसी ही कई कहानियां हैं. जिनके बारे में इतिहास में नहीं लिखा गया. प्रहलाद पटेल का कहना है कि सुभाष चंद्र बोस का जीवन त्याग की एक बड़ी कहानी है. देश के लिए इतना बड़ा त्याग किसी और ने नहीं दिया. सुभाष चंद्र बोस के पास एक सुखी जीवन जीने के लिए सब कुछ था लेकिन उन्होंने देश के लिए सब कुछ न्योछावर कर दिया.

चित्र प्रदर्शनी

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सुभाष चंद्र बोस जयंती पर चित्र प्रदर्शनी

इस मौके पर जबलपुर के गोल बाजार में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़ी कई झलकियां पेश की गईं. उनके जीवन से जुड़े हुए कई ऐसे चित्र जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है, उनका प्रदर्शन किया गया. वहीं एक 400 मीटर लंबी पेंटिंग भी बनाई जा रही है, जिसमें सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़ी कई बातों को उकेरा गया है.

जबलपुर में यह आयोजन विशेष महत्व रखता है. जबलपुर का सुभाष चंद्र बोस के जीवन में एक महत्वपूर्ण योगदान था. जबलपुर ही वह जगह थी ,जहां महात्मा गांधी को सुभाष चंद्र बोस की वजह से अपने जीवन की सबसे बड़ी राजनीतिक हार का सामना करना पड़ा था.

Last Updated : Mar 5, 2021, 5:55 PM IST

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