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नवरात्रि में भी प्याज ने रुलाया, 90 रुपये तक पहुंचे दाम, जानें क्यों महंगा हो रहा है प्याज?

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Published : Oct 22, 2020, 3:00 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 10:43 PM IST

एक बार फिर आंसू निकालने के लिए तैयार हैं. अचानक से ही प्याज की कीमतों में उछाल आया है. प्याज की सप्लाई में दिक्कतों की वजह से दिवाली तक भाव 100 रुपये तक जा सकते हैं. पढ़िए पूरी खबर..

Onion prices rise again
प्याज के फिर बढ़े दाम

जबलपुर/इंदौर/ रतलाम: त्योहारी सीजन में एक बार फिर प्याज लोगों के आंसू निकालने लगा है. क्योंकि प्याज के बढ़ते दामों से किचन का बजट बिगड़ने लगा है. जबलपुर में इस वक्त प्याज 80 रुपये से लेकर 90 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है. तो वहीं कई जगह प्याज की कीमत 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है, जबकि नवरात्रि में प्याज की मांग आम दिनों के मुकाबले कम हो जाती है.

प्याज के दामों में उछाल

बारिश की वजह से आपूर्ति बाधित

दरअसल, प्याज उत्पादक राज्य आंध्र प्रदेश और तेलंगाना, महाराष्ट्र में हुई भारी बारिश के कारण देश के अन्य राज्यों में प्याज की आपूर्ति बाधित हुई है. महाराष्ट्र में भी हालात ऐसे ही हैं. जिसका नतीजा देश के अन्य हिस्सों में दिख रहा है. लिहाजा प्याज के दाम 80 से 90 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं. फुटकर दामों को लेकर स्थिति यह है कि दीवाली तक कई राज्यों में प्याज की कीमतें एक बार फिर 100 रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं. हालांकि व्यापारियों को उम्मीद है कि दशहरे के बाद तक प्याज की मांग के अनुरूप आपूर्ति सामान्य हो जाएगी.

प्याज ने बिगाड़ा किचन का बजट

प्याज के बढ़ते दामों की वजह से लोगों की किचन का बजट बिगड़ गया है. जिस वजह से लोगों ने प्याज की खपत कम कर दी है. गृहणियों का कहना है कि, इतनी महंगी प्याज घर का बजट बिगाड़ देती है, इसलिए जब तक ब्याज सस्ती नहीं होती, तब तक वह इस्तेमाल कम करेंगी.

रतलाम में बंपर प्याज की आवक

मुनाफाखोरी भी बड़ी वजह

थोक आलू-प्याज व्यावसायी संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल का कहना है कि ऊपरी मंडी में ही प्याज की कीमतों में तेजी है. इसका असर ही कीमतों में वृद्धि के रूप में देखने को मिल रहा है और राजधानी भोपाल में इसके दाम बढ़ गए हैं. स्टाक लिमिट हटने से जमाखोरों की मौज हो रही है.

ग्राहकों तक डबल रेट में पहुंच रही प्याज

कारोबारी सूत्रों का कहना है कि प्याज की कीमत बढ़ने का एक बड़ा कारण जमाखोरी भी है. मालूम हो कि केंद्र सरकार द्वारा अब आलू-प्याज सहित कई उत्पादों पर स्टाक लिमिट हटा दी गई है. इसकी वजह से जमाखोर कितना भी स्टाक रख सकते हैं. जबलपुर मंडी में प्याज के रेट 40 से 50 रुपये किलो तक है, लेकिन जैसे ही प्याज मंडी से निकलकर ग्राहकों तक पहुंचती है तो इसके दाम 60 से 70 रुपये किलो तक हो जाता है. प्याज में मुनाफाखोरी बहुत ज्यादा है, मंडी में तो अभी भी 40 से 50 रुपये में प्याज बिक रही है, लेकिन मंडी से आम आदमी तक पहुंचाने की जो कड़ी है वह मुनाफाखोरी के चक्कर में इसके दाम बढ़ाए हुए हैं.

नासिक से होती है प्याज की आवक

जबलपुर अकेला प्याज का उपभोक्ता नहीं है, बल्कि जबलपुर से आसपास के जिलों में भी प्याज भेजी जाती है. जबलपुर में प्याज का उत्पादन ना के बराबर है. जबलपुर के आसपास प्याज की खेती नरसिंहपुर और सागर में होती है, लेकिन यहां पर बरसात के मौसम में प्याज का उत्पादन नहीं किया जा सकता, इसलिए थोड़ी बहुत प्याज जो स्टोर में रखी रहती है. वह पहुंच पाती है. इसके अलावा जबलपुर में खंडवा से बड़ी तादाद में प्याज आती है, इस मौसम में सबसे ज्यादा प्याज नासिक से आती है, लेकिन इस बार बारिश होने के चलते प्याज की आवक पर असर पड़ा है.

प्याज के दामों में उछाल

रतलाम में बंपर प्याज की आवक

रतलाम में प्याज के बढ़े दामों को देखकर मंडी में बंपर आवक शुरू हो चुकी है. आलम ये है कि यहां मंडी में प्याज के ट्रेक्टर ट्रॉली खड़े करने कि भी जगह नहीं बची है. यहां एक ही दिन में एक हजार से ज्यादा ट्रॉली प्याज कि आवक हो चुकी है.

क्यों महंगा हो रहा है प्याज?

कुछ दिनों से दक्षिण भारत और महाराष्ट्र के कई इलाकों में हुई भारी बारिश से खेतों में प्याज की फसल बर्बाद हुई है, जिसकी वजह से प्याज के भाव आसमान पर पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक में फसल को नुकसान हुआ है. सामान्य तौर पर खपत वाले इलाकों में इस समय कीमतों पर दबाव होता है, लेकिन बारिश से बर्बाद हुई फसल से सप्लाई प्रभावित हुई है.

Last Updated : Oct 22, 2020, 10:43 PM IST

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