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Jabalpur के 900 युवाओं को मिलेगी 'सीखो और कमाओ योजना' के तहत जॉब - क्या है सीखो और कमाओ योजना

जबलपुर में 'सीखो और कमाओ योजना' के तहत के 900 बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के साथ स्टायपेंड पाने का मौका मिलेगा. इस योजना के तहत 7 जून से कंपनियों को अपना रजिस्ट्रेशन करवाना है. जबलपुर में 200 कंपनियों ने इस योजना से जुड़ने की इच्छा जताई है.

MP 900 students of Jabalpur get jobs
Jabalpur के 900 युवाओं को मिलेगी 'सीखो और कमाओ योजना' के तहत जॉब

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Published : Jun 8, 2023, 2:00 PM IST

Jabalpur के 900 युवाओं को मिलेगी 'सीखो और कमाओ योजना' के तहत जॉब

जबलपुर।जिले में पढ़े-लिखे युवाओं के सामने बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है. सरकारी नौकरियों में सभी को स्थान मिल सके, इतनी नौकरियां नहीं हैं. इसीलिए जिन पदों पर लोग रिटायर हो रहे हैं, उन पर दोबारा भर्तियां नहीं हो रही हैं. इसीलिए सरकार बेरोजगारी खत्म करने के लिए नए-नए उपाय लेकर आ रही है. इस बार सरकार पढ़े-लिखे युवाओं के लिए 'सीखो और कमाओ स्कीम' लेकर आई है. इस योजना से युवाओं को नौकरी पाने का सुनहरा अवसर मिलेगा.

क्या है सीखो और कमाओ योजना :मध्य प्रदेश सरकार 12वीं, आईटीआई या उससे अधिक योग्यता वाले युवाओं के लिए सीखने के साथ कमाई का मौका दे रही है. इसके तहत बेरोजगार युवा अपनी योग्यता के अनुसार ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके लिए हितग्राही के लिए https://ssdm.mp.gov.in/ पर आवेदन करना होगा. छात्रों को उनकी योग्यता के अनुसार चयन किया जाएगा. जबलपुर में 900 छात्रों को यह मौका दिया जा रहा है. इसमें अलग-अलग 162 प्रकार की क्षेत्रों में सीखने का अवसर मिलेगा. शिक्षण की अवधि कोर्स के अनुसार होगी. इसमें छात्रों की उपस्थिति बायोमेट्रिक तरीके से ली जाएगी. सीखने वाले युवाओं को महीने में 25 दिन की उपस्थिति दर्ज करवानी होगी, तब पूरा मानदेय मिलेगा. यदि उपस्थिति 12 दिन से कम है तो उस महीने मानदेय नहीं दिया जाएगा.

योजना कंपनियों के लिए फायदेमंद :इस योजना में 18 से 29 साल तक के युवा हिस्सा ले सकते हैं. इनका मध्य प्रदेश का निवासी होना जरूरी है. इसमें आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है. जिन युवाओं को नौकरी चाहिए, उन्हें 15 जून से आवेदन करना होगा. इस योजना में सीखने वाले युवाओं को तो फायदा है ही. रोजगार का व्यावहारिक प्रशिक्षण देने वाली कंपनियों के लिए भी यह योजना फायदेमंद साबित हो सकती है. इसके लिए सरकार की ओर से यह प्रावधान रखा है कि जिन कंपनियों में 20 से ज्यादा कर्मचारी पहले से काम कर रहे हों और इनका रजिस्ट्रेशन ईपीएफओ कार्यालय में होगा, उन्हीं रजिस्टर्ड कंपनियों या संस्थाओं कोई योजना से जोड़ा जाएगा.

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कंपनी के लिए ये है शर्त :कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि जो कंपनी युवाओं को प्रशिक्षण देगी, उसे कुल मानदेय का 25% सरकार के पास जमा करना होगा. बाकी मानदेय सरकार देगी. कंपनी के लिए नया सीखने वाला कर्मचारी 2 से 3 हजार प्रति माह के खर्चे में मिल जाएगा, जिससे वह अगले 1 साल तक सिखाने के साथ काम भी करवा सकेगी. जबलपुर में इस योजना के अधिकारी सुनील लुलावत का कहना है कि जबलपुर के उद्योग विभाग के माध्यम से 200 से ज्यादा कंपनियों ने इस योजना से जुड़ने कि फिलहाल सहमति दी है लेकिन सरकार की कोशिश है कि योजना में ज्यादातर ज्यादा बड़ी कंपनियों को जोड़ा जाए ताकि प्रशिक्षण देने के बाद प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार भी मिल सके.

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