जबलपुर। मंडी एक्ट के विरोध में प्रदेश भर में कार्यरत मंडी कर्मचारियों ने आज से आगामी तीन दिन के लिए काम बंद कर हड़ताल करने की रणनीति बना ली है. इस हड़ताल से पूरे प्रदेश भर की करीब 259 मंडियों में पूरी तरह से काम बंद रहेगा. मंडियों के बंद होने से पूरे प्रदेश में कोरोड़ों रुपये का व्यापार चौपट होने का अंदेशा है. जबलपुर कृषि उपज मंडी सहित संभाग भर में करीब 32 मंडियां हैं. इसमें सिहोरा, पाटन शहपुरा और मुख्य कृषि उपज मंडी है. इन मंडियों में 200 अधिकारी-कर्मचारी पदस्थ हैं.
मंडी मॉडल एक्ट का विरोध, आज से मंडी कर्मचारी-अधिकारी रहेंगे तीन दिन की हड़ताल पर - मंडी कर्मचारी-अधिकारी तीन दिन की हड़ताल पर
प्रदेश भर में कार्यरत मंडी कर्मचारियों ने आगामी तीन दिन के लिए हडताल पर है. जबलपुर में भी मंडी के कर्मचारी भी हडताल पर रहेंगे जिससे तीन दिन तक मंडी में काम बंद रहेगा. जिससे पूरे प्रदेश में करोड़ों रुपए का व्यापार पूरी तरह से ठप्प हो जाएगा.
प्रदेश भर में 259 प्रति उपज मंडियां हैं. इन मंडियों का कार्यभार मंडी समिति संभालती है, मंडी प्रांगण के अंदर आने वाले माल को लाइसेंसधारियों और गल्ला से जो आय होती है. उसी से मंडी समितियों में पदस्थ कर्मचारियों का वेतन बनता है, लेकिन अब मंडी एक्ट लागू होने से किसानों का माल सीधे बाजार में उतारा जा रहा है. जिसका विरोध लगातार मंडी समिति कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है. अब इसके विरोध में अधिकारियों ने भी हुंकार भर दी है. जिसके बाद मध्य प्रदेश की 259 कृषि उपज मंडी 30 सितंबर से आगामी 3 दिन के लिए बंद की जा रही हैं. पूरे प्रदेश में करोड़ों रुपए का व्यापार पूरी तरह से ठप्प हो जाएगा.
प्रदेश भर में कई अधिकारी-कर्मचारी मंडियों में पदस्थ हैं और अगर मंडी मॉडल एक्ट को लागू किया जाता है, तो इन कर्मचारियों की नौकरी खतरे में आ जाएगी. संयुक्त संघर्ष मोर्चा के मुताबिक मध्यप्रदेश शासन द्वारा 1 मई को मॉडल एक्ट लागू करने का अध्यादेश जारी किया गया, लेकिन उसके नियम व दिशा निर्देश वर्तमान तक जारी नहीं हुए हैं. उपरोक्त एक्ट वर्तमान में क्रियाशील नहीं हैं. केंद्र शासन द्वारा 5 जून 2020 से कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य अध्यादेश जारी किया गया है. लेकिन राज्य शासन द्वारा अध्यादेश को अंगीकृत करने के संबंध में भी स्पष्ट नियम और दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं.