जबलपुर।रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय एक बार फिर छात्र संगठनों के लिए राजनीति का अखाड़ा बनता जा रहा है. गुरुवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा मचाया. प्रदर्शन देख प्रबंधन को पुलिस को बुलाना पड़ा. पुलिस ने खदेड़ कर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को बाहर किया. दरअसल कार्यकर्ता कुलपति कपिल देव मिश्रा से मिलने गए थे, लेकिन वे कार्यकर्ताओं से नहीं मिले. इसलिए कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी.
Jabalpur NSUI Protest: रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में NSUI का हंगामा, बम कांड पर जताई नाराजगी - एमपी न्यूज
जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया. कार्यकर्ता कुलपति से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया, जिससे नाराज होकर कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया.
बम कांड से जुड़ा है मामला:मामला 1 दिन पहले हुए बम कांड से जुड़ा हुआ है, जब एनएसयूआई के एक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसे निशाना बनाकर उसके ऊपर एक बम फेंका गया था, हालांकि बम उसे नहीं लगा, लेकिन निशाने पर एनएसयूआई के कार्यकर्ता ही थे. इस मुद्दे पर एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को भी मांग की थी कि बम फेंकने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जाए और इस मामले की जांच की जाए. हालांकि यह मुद्दा पुलिस से जुड़ा हुआ है. इसमें सीधे तौर पर यूनिवर्सिटी प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है, लेकिन फिर भी एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने कुलपति से मिलने की जिद की कार्यकर्ताओं की संख्या बहुत ज्यादा थी, इसलिए मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी और पुलिस वालों ने कार्यकर्ताओं को कुलपति के कार्यालय के बाहर खदेड़ दिया.
Jabalpur रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय में छात्रों ने हवन में आहुतियां देकर की सद्बुद्धि की प्रार्थना
धरने पर बैठे कार्यकर्ता: इस बात से नाराज कार्यकर्ता प्रांगण में धरने पर बैठ गए, कार्यकर्ताओं की मांग है कि यूनिवर्सिटी में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई जानी चाहिए क्योंकि विश्वविद्यालय में अराजकता बढ़ रही है और चाकूबाजी, बमबाजी जैसी घटनाएं हो रही हैं. छात्र संगठन राजनीति तो करना चाहते हैं, लेकिन लगता है कि मुद्दों से भटक गए हैं और बेवजह के मुद्दों पर हंगामा मचाते हैं. इसी की वजह से शिक्षा के इन संस्थानों से मिली हुई डिग्रियां भी बेमानी होती जा रही हैं. छात्र संगठन केवल अपनी राजनीति चमकाने के लिए आंदोलन करते हैं. जबकि छात्रों के पास इस व्यवस्था को दुरुस्त करने के कई मुद्दे हैं. यह आंदोलन भी कुछ इसी तरह का नजर आया.