जबलपुर। शहर में एक बार फिर एक आम आदमी साइबर फ्रॉड का शिकार हुआ. साइबर अपराधी ने एक व्यक्ति के रांझी के माने गांव में स्थित बैंक ऑफ इंडिया के अकाउंट से 2 लाख से अधिक रुपये निकाल लिए और पश्चिम बंगाल के नदिया जिले के एचडीएफसी बैंक में ट्रांसफर कर दिए. इस मामले पर पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.
ये है मामलाः जानकारी के अनुसार रांझी के माने गांव के निवासी राजीव पटेल के साथ साइबर ठगी हुई है. इनके अकाउंट से लगभग 2.70 लाख रुपये फर्जी यूपीआई आईडी बनाकर निकाल लिए गए हैं. इस पर राजू पटेल ने अपने साथ हुई ठगी की शिकायत रांझी थाने में की. पुलिस को जांच के दौरान पता लगा कि राजू पटेल के पास एक लिंक भेजा गया था. इस लिंक को जैसे ही उन्होंने क्लिक किया उसके कुछ देर बाद उनके अकाउंट से धीरे-धीरे पैसे निकलना शुरू हो गए. पीड़ित के खाते से ये पैसा पश्चिम बंगाल में नादिया ब्लॉक में ट्रांसफर हुआ है. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.
मोबाइल चार्जर से क्लोनः वहीं, पुलिस अधिकारी का दावा है कि मोबाइल चार्जर से भी क्लोन बनाया जा सकता है. इसलिए यदि आपका मोबाइल डिस्चार्ज हो रहा है तो भले ही आप इसको बंद कर ले. लेकिन अनजान आदमी से मोबाइल चार्जर लेकर मोबाइल चार्ज ना करें, क्योंकि मोबाइल चार्जर के जरिए भी क्लोन तैयार किया जा सकता है. इससे आपके मोबाइल की निजी जानकारी निकालकर आपके साथ साइबर फ्रॉड हो सकता है.
पीआईबी की रिपोर्ट के अनुसारःभारत में जनवरी 2020 से सितंबर 2022 तक लगभग 16 लाख साइबर फ्रॉड हुए थे. इनमें से मात्र 35 हजार लोग ही शिकायत करने थाने तक पहुंचे, जिनकी शिकायत के बाद लगभग 180 करोड़ों रुपये पुलिस ने आम लोगों को वापस किया है. केवल 2021 में भारत भर में 52,200 साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए. इनमें से मध्य प्रदेश में 589 केस ही सामने आए. सबसे ज्यादा मामले तेलंगाना और दक्षिण भारत के कई राज्यों में सामने आ रहे हैं.