जबलपुर। केंद्रीय जेल ग्वालियर में मारपीट से हुई बिल्डर की मौत के मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने जेल प्रशासन को दोषी माना है. आयोग ने जेल विभाग को मृतक आदित्य भदौरिया के परिजनों को 2 लाख रुपये तक मुआवजा देने का आदेश दिया है.
जेल प्रशासन की लापरवाही से हुई थी कैदी की मौत, मानवाधिकार आयोग ने मुआवजा देने का दिया आदेश
जेल प्रशासन की लापरवाही से कैदी की मौत होने के बाद आयोग ने मृतक आदित्य भदौरिया के परिजनों को 2 लाख रुपये तक मुआवजा देने का आदेश दिया है.
मजिस्ट्रेट जांच और पीएम रिपोर्ट के बाद अब मानवाधिकार आयोग ने इस मामले में जेल प्रशासन की लापरवाही होना पाया है. जिसपर 2 लाख रुपये का मुआवजा मृतक के परिजनों को देने का निर्देश दिया है. अब जेल अधीक्षक का कहना है कि मुआवजे की राशि की वसूली उक्त मामले में लापरवाही बरतने वाले सिपाहियों से दोष सिद्ध हो जाने पर की जाएगी. मामले की जांच जारी है और प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन है.
केंद्रीय जेल ग्वालियर में साल 2016 में आदित्य सिंह भदौरिया नाम के एक कैदी की सांप के काटने के बाद इलाज दौरान मौत हो गई थी, परिजनों ने आरोप लगाया था कि उसकी मौत जेल के अंदर बंदियों द्वारा की गई मारपीट के कारण हुई है. मजिस्ट्रेट जांच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई कि आदित्य भदौरिया की मौत मारपीट के चलते हुई थी.