जबलपुर. जिला प्रशासन ने जिन वेयर हाउस मालिकों पर एफआईआर दर्ज करवाई उनपर आरोप है कि इन्होंने सैकड़ों किसानों से अच्छी धान खरीदी और उसमें अपनी लगभग 20 हजार क्विंटल खराब धान मिलाकर इसे सरकार को बेचने की तैयारी कर रहे थे. बताया जा रहा है कि पहली बार जिला प्रशासन ने वेयरहाउस संचालकों के खिलाफ इस तरह की कार्रवाई की है.
लगातार मिल रही थीं शिकायतें
जबलपुर की मझौली तहसील में योग माया नाम से एक वेयरहाउस है इसके अलावा दो वेयरहाउस और हैं, जिनके संचालक ओम प्रकाश अग्रवाल और नीतीश पटेल अपनी वेयर हाउस में सरकारी खरीद करते रहे हैं. इनके पास सरकारी खरीद का केंद्र शासन द्वारा दिया जाता था, लेकिन इनके खिलाफ पिछले कई सालों से शिकायत मिल रही थी जिसके बाद इन वेयरहाउस संचालकों को धान खरीदी का सरकारी केंद्र अलॉट नहीं किया गया.
जेसीबी से मिलाई खराब धान
वेयरहाउस संचालकों पर तब एक्शन लिया गया जानकारी मिली कि दो वेयरहाउस संचालकों ने बिना अनुमति के अपना धान खरीदी केंद्र शुरू कर दिया. यहां किसानों से लगभग 50 हजार क्विंटल की अच्छी धान खरीदकर 20 हजार क्विंटल खराब गुणवत्ता की धान को मिला दिया गया. इस मिक्सचर को बनाने में आरोपियों ने जेसीबी की मदद ली. जब यह धान आपस में मिल गई तब इसे सरकारी बारदाने में भर दिया और प्रशासन पर दबाव बनाने लगे कि शासन की सरकारी खरीद में इसे शामिल किया जाए.
शासन के लगता 4 करोड़ का चूना
यदि यह धान सरकारी खरीद में शामिल कर ली जाती तो आरोपियों को लगभग 4 करोड़ रुपए का फायदा होता और शासन को इतने का चूना. लेकिन इसके पहले ही स्थानीय तहसीलदार ने इस पूरे फर्जीवाड़े की शिकायत की और दोनों ही आरोपियों के सरकारी खरीद केंद्र के अलावा अन्य खरीद केंद्र भी रद्द कर दिए. जांच में पाया गया कि वेयर हाउस संचालक नीतेश पटेल और ओमप्रकाश अग्रवाल की वजह से सैकड़ों किसान अपनी धान बेचने से भी वंचित रह गए.