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अब डॉक्टरों को गांव में देनी होगी कम से कम एक साल की सेवाएं, सरकार जल्द बनाने जा रही नियम

प्रदेश में डॉक्टरों की सेवाओं को लेकर अब राज्य सरकार सख्त हो गई है, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा कि गांव में सेवा नहीं देने पर डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन कैंसिल होगा.

डॉक्टरों को गांव में देनी कम से कम एक साल की सेवाएं

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Published : Sep 22, 2019, 1:31 PM IST

जबलपुर। ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवाएं नहीं देने वाले डॉक्टरों को लेकर अब राज्य सरकार सख्त हो गई है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ ने डॉक्टरों पर सीधे कार्रवाई करने का मन बना लिया है. जिसके लिए मध्यप्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों में छात्रों के रजिस्ट्रेशन के नियम को बदलने जा रही है.

डॉक्टरों को गांव में देनी कम से कम एक साल की सेवाएं


मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में ज्यादा से ज्यादा डॉक्टर अपनी सेवाएं दें, इस विषय को लेकर एक मीटिंग मंत्रालय में हो चुकी है जबकि दूसरी जल्द ही होने वाली है. चिकित्सा शिक्षा मंत्री के माने तो इससे पहले भी जब 2002 में वो चिकित्सा शिक्षा मंत्री थीं उस समय भी डॉक्टरों को अपनी नौकरी के लिए बांड भरवाया गया था. पर जो डॉक्टर गांव में काम नहीं करना चाहते थे वह रुपये भरकर चले जाते थे.


लेकिन अब चिकित्सा शिक्षा विभाग अंडर ग्रेजुएट छात्रों का रजिस्ट्रेशन जो कि तीन साल तक का होता है उस रजिस्ट्रेशन में एक नियम बना रही है कि एक साल ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी सेवाएं डॉक्टरों को देना अनिवार्य होगा और अगर डॉक्टर ऐसा नहीं करते हैं तो ऑटोमेटिक उनका रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो जाएगा.


इसी तरह से पोस्ट ग्रेजुएट छात्र जो कि एमडी या एमएस कर रहे हैं उन्हें भी अपनी सेवाएं गांव में देनी होगी, ऐसा नहीं करने पर उनका रजिस्ट्रेशन भी कैंसिल हो जाएगा. मंत्री ने कहा कि डॉक्टरों को लेकर यह निर्णय कठोर जरूर है पर यह निर्णय मरीजों के हित में होगा.

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