मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

जबलपुर : तेंदुआ परिवार के पुनर्वास संबंधित याचिका पर फैसला सुरक्षित - जलबलपुर तेंदुआ परिवार पुनर्वास संबंधित याचिका

जबलपुर के नयागांव में दिखने वाले तेंदुए परिवार का सुरक्षित स्थान में पुनर्वास किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. जिस पर सोमवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

court
कोर्ट

By

Published : Nov 30, 2020, 6:07 PM IST

जबलपुर। शहर के पॉश कॉलोनी नयागांव में दिखने वाले तेंदुए परिवार का सुरक्षित स्थान में पुनर्वास किये जाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी. याचिका की सोमवार को सुनवाई पूरी करने के बाद चीफ जस्टिस संजय यादव और जस्टिस व्हीके शुक्ला की युगलपीठ ने फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए हैं.

नयागांव को-ऑपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष रजत भाटिया और एके नेमा की तरफ से दायर की गयी जनहित याचिका में कहा गया था कि सोसायटी में दो सौ बंगले हैं. जिसमें एक हजार से ज्यादा लोग रहते हैं. सोसायटी में ज्यादातर रिटायर्ट लोग रहते हैं. जो जज, डॉक्टर सहित अन्य सम्मानजनक पदों पर कार्यरत थे. याचिका में कहा गया था कि नयागांव क्षेत्र में नवंबर 2019 में पहली बार तेंदुआ देखा गया था.

पिछले महीने दिखा था तेंदुआ

नयागांव-बरगी हिल्स रोड पर पिछले महीने दो तेंदुए को क्रास करते हुए लोगों ने देखा था. क्षेत्र में दो बच्चों सहित चार सदस्यों का तेंदुआ परिवार है. उक्त मार्ग सोसायटी की लाइफ लाइन है और हाइवे से जुड़ती है. याचिका में मांग की गयी थी कि सोसायटी के लोगों की सुरक्षा के मद्देनजर पेशेवर वन्यजीव संरक्षणवादी की सलाह अनुसार तेंदुए परिवार का सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास किया जाए.

वन्यजीवों पर हो निरंतर निगरानी

क्षेत्र और आसपास के इलाकों के वन्यजीवों पर निरंतर निगरानी रखी जाए. क्षेत्र में फैसिंग और सर्च लाइट लगाई जाए. तेंदुए को दूसरे वन्य जीव क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाये और चिड़ियाघर में नहीं भेजा जाए. याचिका में वन विभाग के प्रमुख सचिव, सीसीएफ तथा जिला कलेक्टर को अनावेदक बनाया गया था. याचिका की सुनवाई करते हुए युगलपीठ ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. याचिका की सुनवाई के दौरान इंटरविनर की तरफ से तेंदुए के संबंध में केन्द्र सरकार द्वारा साल 2011 में जारी गाइडलाइन पेश करते हुए जानकारी से अवगत करवाया.

केंद्र की गाइडलाइनके संबंध में जवाब

तेंदुए मानव पर हमला नहीं करते है और उन्हें पकड़ने का प्रयास किया गया तो वह मनुष्य और तेंदुए दोनों के लिए खतरनाक होंगे. युगलपीठ ने केन्द्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के संबंध में याचिकाकर्ता से जवाब मांगा था. युगलपीठ सोमवार को दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखने के निर्देश जारी किए. याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता आदित्य संधी, इंटरविनर की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने पैरवी की.

ABOUT THE AUTHOR

...view details