जबलपुर। रीवा जिले की मऊगंज तहसील के उधापुरवा गांव में सरपंच और रोजगार सहायक ने विकास कार्य और वृक्षारोपण के नाम पर राशि गबन करने की याचिका हाई कोर्ट में लगाई थी. हाई कोर्ट ने जनहित याचिका का निराकरण कर दिया है. चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले में आवेदक को स्वतंत्रता दी है कि, वह उक्त मामले की शिकायत लोकायुक्त के समक्ष करें. जिस सक्षम अथॉरिटी विधि अनुसार कार्रवाई करेगी.
- विकासकार्याें की राशि की गबन
यह जनहित का मामला रीवा मऊगंज के उधापुरवा गांव निवासी सुरेन्द्र प्रसाद पांडे की ओर से दायर किया गया था. जिसमें कहा गया था कि ग्राम पंचायत उधापुरवा में वृक्षारोपण सहित अन्य विकासकार्याें के लिए बड़ी राशि स्वीकृत करायी गई थी. इतना ही नहीं तालाब की मेढ़बंदी सहित कौआ नाला के समीप निर्मल वाटिका और खेल मैदान को विकसित करने के नाम पर राशि स्वीकृत कराकर उसका गबन सरपंच चंद्रालाल कोल और रोजगार सहायक संजीव कुमार पांडे ने किया है.
- सरकारी अधिकारी को बनाया पक्षकार
मामले में मप्र शासन के सचिव, रीवा कलेक्टर, जिला और जनपद पंचायत सीईओ सहित एसडीओ मऊगंज, सरपंच चंद्रालाल कोल व रोजगार सहायक संजीव कुमार पांडे को पक्षकार बनाया गया था. मामले में सरकार की ओर कहा गया कि उक्त मामले में लोकायुक्त के समक्ष शिकायत करने का प्रावधान है. जिस पर न्यायालय ने मामले का पटाक्षेप करते हुए आवेदक को लोकायुक्त के समक्ष शिकायत करने की स्वतंत्रता प्रदान की है.