जबलपुर।नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में लिप्त सिटी अस्पताल के कारनामे परत दर परत खुल रहे हैं. एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि जिन मरीजों को अस्पताल में नकली इंजेक्शन लगाए गए थे, उनके कंप्यूटर बिल से रेमडेसिविर गायब किए जा रहे हैं. लिहाजा एसआईटी अस्पताल के अकाउंटेंट से पूछताछ कर रही है. अगर साबित होता है कि मरीजों को दिए जाने वाले बिल से हेराफेरी की गई है, तो उसके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी.
बिल में हुई है हेराफेरी
एसआईटी प्रमुख रोहित कासवानी ने बताया कि अभी तक करीब 209 नकली इंजेक्शन मरीजों को लगाए गए हैं, जिनमें से कुछ रोगियों की मौत भी हो चुकी है. एसआईटी मृतकों की संख्या जुटाने में लगी हुई है. इधर जब एसआईटी ने अस्पताल के रिकॉर्ड खंगाले, तो कंप्यूटर में फीड बिलों में संशोधन पाया गया. इसके बाद पुलिस ने इस गड़बड़ी को पकड़ते हुए अस्पताल के अकाउंटेंट से पूछताछ शुरू कर दी हैं. अब तक एसआईटी की जांच में यह भी सामने आया है कि बिल में सारी हेराफेरी संचालक के कहने पर ही हुई हैं.
नकली रेमडेसिविर केस: मुंबई से भी जुड़े तार, पूछताछ में आरोपियों ने किए खुलासे
पूछताछ के लिए जल्द लाया जाएगा सपन
एसआईटी प्रमुख की मानें, तो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में शामिल गुजरात जेल में बंद सपन जैन समेत अन्य आरोपियों को पुलिस जल्द जबलपुर लाने वाली हैं. वहीं नकली इंजेक्शन बनाने वाले गिरोह के सरगना पुनीत शाह और कौशल बोरा के खिलाफ प्रोडक्शन वारंट जारी करवाया गया हैं.
बिल से गायब किए रेमडेसिविर आरोपियों के अकाउंट और मोबाइल की हो रही है जांच
सिटी अस्पताल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में लिप्त आरोपियों के खातों और मोबाइल की जांच एसआईटी कर रही हैं. इसके अलावा मोबाइल से भी डाटा रिकवर करने का काम किया जा रहा है. कहा जा सकता है कि आरोपियों के मोबाइल में कई बड़े राज छिपे हो सकते हैं. वहीं आरोपी हरकरण मोखा और राकेश शर्मा लंबे समय से फरार चल रहे हैं. पुलिस उन्हें भी गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही हैं.
फरार आरोपियों की चल अचल संपत्ति का लिया जा रहा है लेखा-जोखा
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से जुड़े मामले में अभी तक मध्य प्रदेश और गुजरात पुलिस ने कई आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की हैं. वहीं फरार आरोपी हरकरण मोखा और राकेश शर्मा की चल अचल संपत्ति का विवरण भी निकाला जा रहा है. कहा जा रहा है कि अगर दोनों ही आरोपी जल्द ही गिरफ्तार नहीं होते हैं, तो फिर इनकी संपत्ति को सीज करने की कार्रवाई भी की जाएगी.