ग्वालियर। प्रदेश में कुपोषण से लड़ने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक नई पहल शुरु की है. इस पहल के तहत ग्वालियर-चंबल जोन के 80 गांवों की आंगनबाड़ी केंद्रों के समय में बदलाव किया गया है. इन सभी गांवों में अधिकतर मजदूर और आदिवासी लोग रहते हैं.
महिला बाल विकास की नई पहल ट्रायबल एरिया और मजदूर वर्ग वाले गांवों में जो आंगनबाड़ियां हैं, वहां बच्चे मां-बाप के मजदूरी पर जाने के चलते कम समय के लिए आंगनबाडियां पहुंच पाते हैं. जिसके चलते बच्चों को ना कोई खाना देने वाला होता है ना ही कोई संभालने वाला होता है. ऐसे में बच्चों की शारीरिक स्थिति खराब हो जाती है, वे कुपोषण के मुंह में चले जाते हैं. यही वजह है कि यहां के आंगनबाड़ी केंद्रों के समय में बदलाव किया गया है.
महिला एवं बाल विकास विभाग की नई पहल आंगनबाड़ियों के सिस्टम में किए गए बदलाव
- आंगनबाड़ियों को सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खोला जाएगा.
- आंगनबाड़ियों में अनलिमिटेड डाइट कर दी गई है.
- आंगनबाड़ियों के कार्यकर्ता-सहायिकाओं को परैंटिंग ट्रेनिंग दी जा रही है.
- आंगनबाड़ियों में बच्चों को बिल्कुल घर जैसा माहौल दिया जाएगा.
- आंगनबाड़ियों में आने वाले बच्चों मालिश विशेष तेल से मालिश की जाएगी.
जिले के ऐसे क्षेत्रों को महिला एवं बाल विकास विभाग ने चिन्हित किया है, जहां पोषण की ज्यादा जरूरत है. बताया जा रहा है कि चिन्हित आंगनबाड़ी केंद्रों के स्टाफ को पहले ट्रेनिंग दी गई है जिससे यह नए ढांचे के तहत सुपोषण की दिशा में बेहतर काम किया जा सके.