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ये है 9 साल के 'आर अश्विन'... इनके सामने अच्छे से अच्छे बल्लेबाज भरते है पानी

मध्य प्रदेश सरकार इन दिनों खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए पूरा प्रयास कर रही है. इसका परिणाम भी दिखाई देने लगा है. ओलंपिक हो या क्रिकेट हर खेल में मध्य प्रदेश के खिलाड़ी अपना जौहर दिखा रहे है. इंदौर के वेंटकेश अय्यर ने आईपीएल में अपने हुनर दिखा रहे है, तो वहीं जबलपुर के खिलाड़ी भी पिछे नहीं है. पिछले दिनों 140 किमी प्रति घंटा से गेंद फेंकने वाले पारुष मंडल सुर्खियों में आए थे, तो अब 9 साल के स्पिनर यशोधन दुबे सुर्खियों में है. आइए जानते है इनकी खासियत...

9-year-old 'R Ashwin'
ये है 9 साल के 'आर अश्विन'

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Published : Oct 8, 2021, 3:52 PM IST

Updated : Oct 8, 2021, 10:55 PM IST

जबलपुर।मध्य प्रदेश के बुमराह पारुष मंडल (Bumrah of Madhya Pradesh) के बाद अब जबलपुर से 9 साल का एक ऐसा स्पिनर सामने आया है, जिसके सामने बड़े से बड़े बल्लेबाज (Batsman) पानी भरते नजर आते है. यह नन्हा सा स्पिनर गेंद को 60 डिग्री तक टर्न करने में माहिर है. इंटर क्लब टूर्नामेंट (Inter Club Tournament) में 9 साल के स्पिनर 12 मैच में ही 48 विकेट ले चुका है. खास बात यह है कि 9 साल का स्पिनर रोजाना नरसिंहपुर से जबलपुर सिर्फ मैच खेलने आता है.

यशोधन के कोच अजय राजपूत बताते है कि इस नन्हें स्पिनर का नाम यशोधन दुबे है. हाल ही में सम्पन्न हुए इंटर क्लब टूर्नामेंट में यशोधन ने 12 मैच में 48 बल्लेबाज का शिकार किया है. यशोधन के हाथों में इतना जादू है कि इसकी घूमती हुई गेंद को खेलना हर बल्लेबाज के बस की बात नहीं है. यही वजह है कि 9 साल के स्पिनर को आज कोई शेन वार्न बोलता है, तो कोई आर अश्विन. इतना ही नहीं इसके गुरु तो यशोधन को मुरलीधरन के नाम से पुकारते है.

ये है 9 साल के 'आर अश्विन'

नरसिंहपुर से जबलपुर क्रिकेट खेलने आता है यशोधन

यशोधन की उभरती प्रतिभा को देखते हुए उसका माता-पिता भी उसका साथ दे रहे है. मूलतः नरसिंहपुर के गोटेगांव के रहने वाले यशोधन दूबे को रोज उसके माता-पिता जबलपुर के ओएफके स्टेडियम लेकर आते है. यहां वह क्रिकेट प्रैक्टिस करता है. यशोधन बताता है कि क्रिकेट खेलने की ललक उसे बचपन से थी. यही कारण है कि उसके पिता ने भी यादोधन का साथ दिया. पिता को अपना आइडियल मानते हुए 9 साल की कम उम्र में ही यशोधन स्पिनर का बादशाह बन गया है.

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कोरोना ने खेल को दिया है बड़ा झटका

करीब 2 साल पहले कोरोना से सम्पूर्ण दुनिया को हिला दिया था. कई लोगों का काम प्रभावित हुआ, तो कईयों को नौकरी से हाथ गवाना पड़ा. सभी लोग अपने-अपने घरों में बंद होकर रह गए. वहीं खिलाड़ियों की प्रेक्टिस भी थम गई. सभी खिलाड़ी खेल से दूर हो गए. ऐसे समय में इन क्रिकेट खिलाड़ियों के कोच ने खिलाड़ियों की शारिरिक फिटनेस बरकरार रखी है.

जबलपुर की लड़कियां भी क्रिकेट में कर रही कमाल

इन लड़कों के साथ लड़कियां भी क्रिकेट खेल रही है. ओएफके क्रिकेट ऐकेडमी में 4 लड़कियां है जिसमें से एक आफिया खान ने मध्य प्रदेश की टीम में अपनी जगह बनाई है. जब कभी भी उभरती हुई प्रतिभाओं के प्रेक्टिस की बात आती है. मध्य प्रदेश की महिला खिलाड़ी आफिया खान भी इनके बीच आकर खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन करती है.

जबलपुर के बुमराह ने भी किया कमाल

हाल ही में मध्य प्रदेश के पारुष मंडल ने महज 18 साल की उम्र में 140 किलोमीटर की रफ्तार से गेंद फेक कर सुर्खिया बटोरी थी. अब यशोधन का नाम सामने आया है, जो कि महज 9 साल की उम्र में ही बेहतरीन स्पिनर बन गया है. अब वो दिन दूर नहीं जब यहीं खिलाड़ी भारतीय टीम से खेलते हुए नजर आएंगे.

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बल्लेबाज अब कहलाएंगे बैटर्स

अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने 7 अक्टूबर को बल्लेबाज (Batsman) का नाम बदलकर बैटर्स रख दिया गया है. आईसीसी ने कहा कि अगले महीने से शुरु हो रहे टी20 विश्व कप में बैट्समन की जगह बैटर्स शब्द का उपयोग किया जाएगा. सितंबर में, मेरिलबोन क्रिकेट क्लब ने घोषणा की है कि क्रिकेट के नियमों में बल्लेबाज शब्द को बैटर्स से बदला जाएगा. यह बदलाव अब आगे चलकर सभी आईसीसी की खेल में दिखाई देगा.

Last Updated : Oct 8, 2021, 10:55 PM IST

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