इंदौर। हम आपको जो बताने जा रहे इसके पहले शायद ही आपने कभी सुना और पड़ा होगा. लेकिन ये ही खबर ही कुछ ऐसी है, दरअसल मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भारत सरकार का एक क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय है. इसमें हैरत की बात ये है कि पूरे कार्यालय में केवल एकमात्र कर्मचारी पदस्थ है, जो अगर छुट्टी पर होता है या ऑफिस छोड़कर कहीं जाता है तो इस कार्यालय में ताला लग जाता है.
मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में पर्यटन संबंधी गतिविधियों के विस्तार के लिए 2010 में खजुराहो से इंदौर के पालिका प्लाजा में शिफ्ट किया गया था. उसके बाद पर्यटन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय में अक्टूबर 2018 से सिर्फ एक कर्मचारी ही कार्यरत है. इस कर्मचारी की जितनी सैलरी है उससे ज्यादा खर्च करीब 1000 वर्ग फीट में फैले कार्यालय के रखरखाव और अन्य संसाधनों पर हो रहा है.
इस कर्मचारी की छुट्टी से दफ्तर में लग जाता है ताला, सैलरी से ज्यादा दफ्तर के रखरखाव में खर्च जब भी इस कर्मचारी को ऑफिस के काम से आसपास भी कहीं जाना होता है तो इस कार्यालय में ना चाहते हुए भी ताले डल जाते हैं. ऐसे में जो सैलानी पर्यटन संबंधी जानकारी लेने यहां पहुंचते हैं वह निराश होकर या ताला लगा पाकर लौट जाते हैं.
अक्टूबर 2018 में तीन कर्मचारियों का यहां से मुंबई ट्रांसफर होने के बाद कार्यालय में एकमात्र कर्मचारी ही बचा. इसके बाद मंत्रालय के मुंबई स्थित मुख्यालय के अधिकारियों ने फैसला किया की इंदौर स्थित कार्यालय का संचालन कर्मचारियों के बिना ही मुंबई से किया जाएगा. इसके बाद यहां आवश्यकता होने पर मुंबई से एक-दो दिन के लिए क्षेत्रीय अधिकारी भेजा जाता है, जो कार्यालय की खानापूर्ति करके फिर मुंबई के नरीमन प्वाइंट स्थित मुख्यालय पर लौट जाता है.
ऑफिस की स्थानीय गतिविधियां यहां पदस्थ मल्टी टास्किंग स्टाफ के रूप में पदस्थ जेके तिवारी को पूरी करनी होती है. ऑफिस में मौजूद कैबिन में झाड़ू पोछा करना हो या यहां आने वाले आगंतुकों के बीच मंत्रालय की गतिविधियों का प्रचार प्रसार करना, यहां सब काम सिर्फ एकमात्र कर्मचारी के हवाले है.