इंदौर। प्रदेश के कैदियों को सजा के बाद उन्हें सामाजिक परिवेश उपलब्ध कराने के लिए खोली गई जेलों में अब कैदियों की दुकानें भी खुल रही हैं, इन दुकानों पर अन्य कैदी न केवल ग्राहकी कर रहे हैं बल्कि कैदियों के परिजन भी उनके साथ रहकर दुकानदारी कर रहे हैं.
इंदौरः खुली जेल में कैदियों ने शुरु की दुकान, चाय-नाश्ते समेत बेच रहे कई सामान
10 कैदी अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं. इन्हीं कैदियों में से 8 कैदी रोज सुबह 7 बजे मजदूरी करने जाते हैं. वहीं दो कैदियों द्वारा चाय नाश्ते की दुकाने चलाई जा रही हैं. इनमे से भगवान दौड़ नामक एक कैदी को जेल विभाग ने जेल परिसर में ही गुमटी बना कर दी है. जिसमें वह अपने पूरे परिवार के साथ चाय-नाश्ते की दुकान संचालित कर अपने परिजनों के साथ मिलकर कर रहे हैं.
प्रदेश के सभी जेलों से चयनित करीब 75 कैदियों को इन खुली जेलों में रखा जा रहा है. इस क्रम में इंदौर की जिला जेल में खोली गई खुली जेल में फिलहाल 10 कैदी अपने परिवारों के साथ रह रहे हैं. इन्हीं कैदियों में से 8 कैदी रोज सुबह 7 बजे मजदूरी करने जाते हैं. वहीं दो कैदियों द्वारा चाय नाश्ते की दुकाने चलाई जा रही हैं. इनमे से भगवान दौड़ नामक एक कैदी को जेल विभाग ने जेल परिसर में ही गुमटी बना कर दी है. जिसमें वह अपने पूरे परिवार के साथ चाय-नाश्ते की दुकान संचालित कर अपने परिजनों के साथ मिलकर कर रहे हैं.
बता दे, प्रदेश सरकार ने इसी साल15 अगस्त से 7 जेलों में खुली जेल की स्थापना की है. जिसका मकसद उन कैदियों के जीवन में सुधार लाना है जिन्होंने अपने किए गए अपराध की सजा लगभग काट ली है और सिर्फ एक साल की सजा शेष बची है.