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कोरोना काल में लाइफलाइन बना पोस्ट ऑफिस

ई-मेल, व्हाट्सएप और अन्य ऑनलाइन माध्यमों ने संपर्क का मुख्य आधार रहे डाकघरों को अप्रासंगिक बना दिया था. कोरोना और लॉकडाउन काल में यही खासकर ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए बड़ा मददगार बन कर उभरा है. जहां अब समय के साथ ही पोस्ट ऑफिस भी खुद को अपडेट कर रहा है. पढ़िए पूरी खबर....

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Published : Dec 26, 2020, 3:26 PM IST

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कोरोना काल में पोस्ट ऑफिस बना लाइफलाइन

इंदौर। बदलते समय के साथ पोस्ट ऑफिस भी खुद को बदल रहे हैं. ब्रिटिश विरासत में से एक पोस्ट ऑफिस वर्तमान समय में लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कई महत्वपूर्ण सेवाओं का संचालन कर रहे हैं. लोगों की बदलती आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ ही डाक विभाग खुद को इतनी तेजी से तो अपडेट नहीं कर रहे हैं, लेकिन जरूरत के समय सबसे अधिक सेवा देने में डाक विभाग को ही याद किया जा रहा है. कोरोना काल में भी सबसे अधिक सेवा देने में डाक विभाग अग्रणी रहा है. लोगों को घर बैठे पैसा पहुंचाने और खाते खुलवाने जैसी सुविधाएं भी इसी विभाग के द्वारा सबसे पहले शुरू की गई है.

कोरोना काल में पोस्ट ऑफिस बना लाइफलाइन

डाक विभाग का नाम सुनते ही सभी के सामने डाक विभाग की वह छवि आती है जो कि चिट्ठियां पहुंचाने का काम करता है. लेकिन समय के साथ डाक विभाग ने भी खुद को बदलना शुरू किया है. आज चिट्ठियां पहुंचाने के साथ ही यह विभाग आम व्यक्ति के लिए बैंकिंग क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. समय के साथ खुद को बदलते हुए डाक विभाग ने बड़े पैमाने पर राजस्व एकत्रित कर राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है.

  • समय के साथ डाक विभाग की सेवाओं में बदलाव

समय के साथ डाक विभाग खुद को बदल भी रहा है. जैसे-जैसे बैंकिंग और अन्य सेक्टर में प्रतिस्पर्धा में बढ़ रही है. वैसे ही डाक विभाग भी अपनी सेवाओं को हाईटेक बना रहा है. डाकघर ने अपनी सेवाओं को तकनीकी माध्यम से मजबूत किया है. अब ऑनलाइन सेवाओं में भी डाकघर अग्रणी है. सामान्य तौर पर स्पीड पोस्ट और चिट्ठी भेजने का काम करने वाला डाक विभाग अब ई-पोस्ट द्वारा त्वरित संदेश भेजने का काम भी कर रहा है. वहीं मनी ट्रांसफर, जीवन बीमा सुविधा और कोर बैंकिंग के जरिए पूरे देश में सबसे तेजी से सेवाएं देने में भी इस विभाग का नाम आ रहा है.

  • कोरोना काल में डाक विभाग ने दी सबसे अधिक सेवाएं

कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते लगाए गए लॉकडाउन में डाक विभाग के द्वारा सबसे अधिक घर पहुंच सेवाएं दी गई. जब लोगों को पैसे की जरूरत पड़ी तब डाक विभाग आगे आया. डाक विभाग ने घर-घर जाकर बुजुर्गों और पेंशनरों को उनकी पेंशन और खाते में जमा राशि तक पहुंचाई. घर-घर चिट्ठियां पहुंचाने वाले डाकिए के माध्यम से डाकघर ने कई सेवाओं को घर बैठे पहुंचाया जो कि आज तक जारी है. पेंशनरों को बैंक में उपस्थित होकर देने वाले जीवित प्रमाण पत्र की सुविधा भी डाकघर ने घर-घर तक शुरू की. डाकिए के माध्यम से बुजुर्गों को घर बैठे ही यह प्रमाण पत्र जारी किया गया. जिसके कारण देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डाकघर की सेवाओं की तारीफ की है.

बैंकिंग सुविधा पहुंचाने का बड़ा विकल्प

डाक विभाग के माध्यम से केंद्र सरकार ने इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक शुरू किया, जो कि देश के हर व्यक्ति के पास बैंकिंग सुविधा पहुंचाने के लिए सबसे बड़ा विकल्प है. इस नेटवर्क की हर गांव तक उपलब्धता है. इस सेवा के माध्यम से 11 हजार से अधिक कर्मचारी घर-घर जाकर लोगों को बैंकिंग की सेवाएं देंगे. देशभर में फिलहाल 40 हजार से अधिक डाकिए हैं और 2 लाख से अधिक डाक सेवक हैं.

केंद्र सरकार के द्वारा भी डाकघर को तेजी से अपडेट करने के प्रयास किए जा रहे हैं. ताकि समय के साथ बदलती अर्थव्यवस्था में डाकघर को भी खड़ा किया जा सकें. हालांकि जिस प्रकार से डाकघर के द्वारा सुविधाएं दी जा रही हैं उससे आने वाले समय में डाकघर की सबसे भरोसेमंद माध्यम साबित होगा.

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