इंदौर। एमडीएमए ड्रग्स मामले में पुलिस ने मुंबई और नासिक से वसीम खान और अय्यूब कुरैशी के साथ कई ड्रग तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. जिन्हें पिछले दिनों कोर्ट के समक्ष पेश किया गया था, जहां से पुलिस को 30 जनवरी तक के लिए रिमांड मिला था. रिमांड अवधि खत्म होने के बाद इन्हें पुलिस ने फिर से आरोपियों को कोर्ट के समक्ष पेश किया,जहां से दोनों आरोपियों को 10 फरवरी तक के लिए जेल भेज दिया गया है. इसके साथ ही अन्य आरोपियों को जेल भेज गया. वसीम खान और अय्यूब कुरैशी 10 फरवरी तक के लिए जेल में बंद रहेंगे और यदि इसके बाद पुलिस को इनकी आवश्यकता लगी तो एक बार फिर कोर्ट के समक्ष उपस्थित कर इनका रिमांड मांगा जा सकता है.
अभी तक 18 आरोपियों को पुलिस ने किया गिफ्तार
एमडीएमए ड्रग्स मामले में पुलिस ने विभिन्न कार्रवाई करते हुए विभिन्न जगहों से अभी तक 18 आरोपियों को ड्रग्स के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उनमें से कई आरोपियों को पुलिस ने जेल भी पहुंचा दिया है. वहीं कुछ आरोपियों से अभी भी पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है.पुलिस का अनुमान है कि अभी इस पूरे मामले में कई और आरोपियों की गिरफ्तारी हो सकती है.
वेद प्रकाश और टेंट कारोबारी से हुई थी शुरुआत
पुलिस ने सबसे पहले 70 किलो एमडीएमए ड्रग्स के साथ हैदराबाद के वेद प्रकाश, टेंट कारोबारी दिनेश अग्रवाल और अन्य लोगों को गिरफ्तार किया था. उसके बाद एक के बाद एक कई आरोपियों को अभी तक पुलिस इस पूरे रैकेट में गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस ने वेदप्रकाश और टेंट कारोबारी दिनेश अग्रवाल की निशानदेही पर अभी तक 18 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. अब इन 18 आरोपियों की निशानदेही पर कई और लोगों को ड्रग तस्करी के मामले में चिन्हित किया है. जिन्हें जल्द ही पुलिस गिरफ्तार कर सकती है.
इंदौर पुलिस ने रविवार को वसीम खान, अय्यूब कुरैशी और गौरव उर्फ मोंटू पुरी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने वसीम खान को नासिक से गिरफ्तार किया है. जबकि अय्यूब कुरैशी मुंबई से गिरफ्तार किया गया है. वहीं गौरव को पुलिस ने इंदौर में ही धर दबोचा है. वसीम उर्फ बाबूजी उर्फ असलम खान की उम्र करीब 50 साल है. वो बांद्रा के भैरव बड़ा का रहने वाला है. लेकिन हाल ही में मुंबई साईंनाथ नगर, घरौंदा अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 4 नासिक में रह रहा था.
आपराधिक रिकॉर्ड
- साल 1996 में हत्या के अपराध में थाना नागपाडा आर्थर रोड जेल में 3 महीने तक बंद रहा. उसके बाद जमानत पर बाहर आया.
- साल 1997 में गुलशन कुमार हत्याकांड में अबू सलेम के साथियों के साथ उसका नाम केस में जुड़ा. इस केस में वह डेढ़ साल तक कुर्ला, साइन, धारावी में फरारी काटता रहा.
- लेकिन 1998 में गिरफ्तार होने के 3 साल बाद आर्थर रोड जेल में बंद रहा.