इंदौर। लॉकडाउन के कारण प्रकृति का अलग ही रुप देखने को मिल रहा है, प्राचीन और प्राकृतिक जल स्त्रोत भी रिचार्ज हो रहे हैं. वहीं इंदौर का आलम यह है कि जिस नदी को संवारने के लिए राज्य सरकार और नगर निगम ने करोड़ों रुपए खर्च कर दिए थे, वह लॉकडाउन के दौरान खान नदी अपने आप ही प्रदूषण मुक्त हो गई है.
हाल ही में प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जब लॉकडाउन के दौरान इंदौर शहर के जल स्त्रोतों की स्थिति जानी तो पता चला कि इंदौर की प्राचीन खान नदी का पानी लगातार साफ हो रहा है. जिसमें ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ रही है इंदौर के पास कबीर खेड़ी में खान नदी का पानी अब नहाने लायक हो चुका है, जिसे लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अधिकारी भी आश्चर्यचकित हैं.
दरअसल इंदौर की खान नदी सांवेर होते हुए उज्जैन स्थित शिप्रा नदी में मिलती है, फिलहाल नदी के जल की जांच के बाद जो आंकड़े प्राप्त हुए हैं उसमें कबीर खेड़ी क्षेत्र में खान नदी के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा 2 मिलीग्राम प्रति लीटर है. जबकि सांवेर पहुंचते हुए पानी में ऑक्सीजन की मात्रा दोगुनी होकर 5.2 मिलीग्राम पाई गई है. यही नहीं इसके आगे के भाव क्षेत्र में पानी बदबू रहित हो चुका है, और नहाने योग्य भी हो गया है, वही उज्जैन पहुंचते-पहुंचते खान नदी के पानी में ऑक्सीजन की मात्रा 7 मिलीग्राम प्रति लीटर हो चुकी है जो स्नान की दृष्टि से सुरक्षित माना गया है.
इतना ही नहीं इंदौर के अन्य जल स्रोतों के पानी की गुणवत्ता में भी ना केवल सुधार हो रहा है, बल्कि अपने आप जलस्तर भी बढ़ रहा है इस स्थिति को लेकर प्रदूषण नियंत्रण मंडल का कहना है कि लॉकडाउन से यह स्पष्ट हो चुका है कि नदियों और जल स्त्रोतों को स्वच्छ रखना हमारे हाथ में हैं.