इंदौर। अपनी 6 सूत्री मांगों को लेकर जूनियर डॉक्टर आज से प्रदेश भर में हड़ताल पर हैं. इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं बंद कर दी हैं. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि आज मांगे नहीं मानी जाएंगी तो कल से कोविड-19 अस्पताल में भी जूनियर डॉक्टरों द्वारा अपनी सेवाएं बंद की जाएंगी. बता दें कि अस्पताल के बाहर सोमवार को जुड़ा ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया गया.
प्रदेश में 2000 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर
बता दें कि पूरे प्रदेश में 2000 जूनियर डॉक्टर हड़ताल हैं और अकेले इंदौर में 450 डॉक्टर हड़ताल पर है. प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल एमवाई, शासकीय डेंटल मेडिकल कॉलेज और गवर्नमेंट कैंसर हॉस्पिटल में कोरोना के अलावा भी मरीजों का इलाज किया जा रहा है. वहां के सारे जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर है. डॉक्टरों ने बताया कि हड़ताल के दौरान स्वास्थ संबंधित किसी भी तरह की व्यवस्था के लिए शासन प्रशासन जिम्मेदार रहेगा.
कोरोना वारियर्स का तमगा नाकाफी
जूनियर डॉक्टर जॉइन प्रेसिडेंट डॉक्टर रण सिंह तोमर ने बताया कि पिछले एक वर्ष से लगातार कोरोना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. हालांकि, मई माह में उनकी कुछ मांगे मान ली गई थीं, लेकिन फिलहाल लिखित में आदेश नहीं मिलने से नाराजगी व्यक्त की जा रही है. डॉक्टरों का कहना है कि अभी भी कोरोना संक्रमण का खतरा रुका नहीं है. ऐसे में हमारी समस्या यह है कि शुरुआत में कोरोना वारियर्स का तमगा देकर केवल ताली और थाली से सम्मान किया गया.
जूनियर डॉक्टर्स की मांगों को लेकर शासन को भेजा गया प्रस्ताव
हड़ताल पर जाने को मजबूर डॉक्टर
बता दें कि इससे पहले भी जूनियर डॉक्टरों द्वारा मार्च और अप्रैल माह में हड़ताल की जा चुकी है, लेकिन शासन-प्रशासन द्वारा अभी तक उनकी सुध नहीं ली गई. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा छह सूत्रीय मांगे रखी गई हैं. इसके बाद भी अभी तक मांगों पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री, एसीएस हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर ने जो जूनियर डॉक्टर से वादा किया था वह अभी तक पूरा नहीं किया जा सका. जिसके चलते हैं एक बार फिर प्रदेशभर के जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जाने को मजबूर हैं.