इंदौर। शहर में लगभग पिछले 100 सालों से परंपरा का हिस्सा बन चुकी अनंत चतुर्दशी की झांकियों पर इस साल कोरोना महामारी के संकट के बादल छा गए हैं, जिसके कारण इस बार अनंत चतुर्दशी के मौके पर निकलने वाले चल समारोह निरस्त माने जा रहे हैं. हालांकि इसे लेकर अब तक जिला प्रशासन ने कोई भी निर्णय नहीं लिया है. वहीं इस परंपरा के पक्ष में झांकियां निकालने वाली समितियों का कहना है कि जब जगन्नाथपुरी और उज्जैन में धार्मिक सवारियां निकल सकती हैं तो इंदौर में भी नियमों के साथ चल समारोह की परंपरा का निर्वाह किया जाना चाहिए. अनंत चतुर्दशी के दूसरे दिन इंदौर कलेक्टर के द्वारा स्थानीय अवकाश भी घोषित किया जाता है, लेकिन इस बार कलेक्टर ने आदेश जारी कर इस स्थानीय अवकाश को भी निरस्त कर दिया है.
हर परिस्थिति में जारी रही परंपरा
इंदौर शहर में एक समय में हर मिल की अपनी झांकी निकलती थी, मिलें बंद होने के बावजूद मजदूरों ने इस परंपरा को जिंदा रखा था और आर्थिक तंगहाली के बाद भी मजदूर शहर में झांकियां बना रहे थे, पिछले साल लगभग 28 झांकियों का सिलसिला चल समारोह में शामिल हुआ था, जिसे देखने के लिए प्रदेश ही नहीं पूरे देश के लोग इंदौर में पहुंचते थे, देर शाम से शुरू होने वाली झांकियों का सिलसिला सुबह तक जारी रहता था.
गणेश उत्सव समितियों ने रखी मांग