इंदौर। गुजरात दंगे के पांच आरोपी इंदौर में धार्मिक स्थलों पर सेवा कार्य करके जीवन व्यतीत कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात दंगे के पांचों आरोपी इंदौर के धार्मिक स्थलों में सजा पूरी कर रहे हैं और उन्हें गुजरात की सीमा में दाखिल होने पर पाबंदी है, लेकिन इनमें से एक आरोपी के बेटे की शादी है, जिसको लेकर उसने इंदौर जिला कोर्ट से गुजरात जाने की गुहार लगाई थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है.
बेटे की शादी में शामिल नहीं हो सकेगा गुजरात दंगे का आरोपी, कोर्ट ने खारिच की याचिका - इंदौर के धार्मिक स्थल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात दंगे के पांचों आरोपी इंदौर के धार्मिक स्थलों में सजा काट रहे हैं, इनमें से एक आरोपी के बेटे की शादी है, जिसको लेकर उसने इंदौर जिला कोर्ट से गुजरात जाने की गुहार लगाई थी, जिसे कोर्ट ने निरस्त कर दिया है.
पिछले दिनों गुजरात दंगे के आरोपी को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इंदौर के धार्मिक स्थलों पर सेवा कार्य में लगाया गया है, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गुजरात दंगे के पांचों आरोपी धार्मिक स्थलों पर सेवा कार्य में लगे हैं और अपनी सजा काट रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट आदेश दिया है कि गुजरात दंगे के आरोपी सजा के दौरान अपने घर या गुजरात की सीमा में प्रवेश नहीं करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को देखते हुए इंदौर की जिला कोर्ट ने दंगे के आरोपियों की याचिका को खारिच कर दिया है. गुजरात दंगे के आरोपियों को जान का खतरा भी है और इनकी पहचान भी उजागर नहीं की जा सकती है. जिसके चलते लोक अभियोजन अधिकारी विमल कुमार मिश्रा ने पूरे मामले की जिला कोर्ट के सामने पैरवी की. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए जिला कोर्ट ने आरोपी की याचिका निरस्त कर दी है.